बेगूसराय में वृद्ध दलित दंपत्ति की ईंट-पत्थर से वार कर निर्मम हत्या

नूर आलम
बेगूसराय के गढ़पुरा थाना क्षेत्र के धरमपुर वार्ड तीन में गांव से कुछ दूरी पर बासबारी स्थित डेरा पर शुक्रवार रात अज्ञात अपराधियों ने एक दलित दम्पति की ईंट-पत्थर व डंडा से पीट-पीटकर हत्या कर डाली. घटना की जानकारी परिवार बालों को तब लगी जब मृतक के पौत्र शनिवार करीब पांच बजे सुबह स्नान करने के लिए उक्त डेरा अवस्थित चापाकल पर गया तो दोनों को घर के आंगन में मृत अवस्था मे देखकर चीखने चिल्लाने लगा.
एक साथ डबल मर्डर की बात सुनकर देखते ही देखते सैकड़ों लोग इकट्ठा हो गये. घटना की सूचना पाकर स्थानीय पुलिस मामले की तहकीकात में जुट गई लेकिन ग्रामीण व परिजनों ने वरिय पुलिस पदाधिकारी एवं डॉग एक्सपर्ट की टीम मंगबाने को लेकर अड़े थे. घटना से आक्रोशित लोगों ने शनिवार साढ़े सात बजे सुबह से ही गढ़पुरा- हसनपुर पथ को पुरी तरह जाम कर दिया. इसके बाद परिजनों ने अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर सड़क पर शव को रखकर हंगामा करने लगें.. इधर सूचना बाद बखरी विधायक उपेन्द्र पासवान, डीएसपी सोनू कुमार राय एवं एसडीओ सुधीर कुमार सड़क जाम हटाने को लेकर पुरी कोशिश की लेकिन आक्रोशित भीड़ नहीं मानी. काफी देर बाद एसडीओ ने मृतक के परिजनों को परिवारिक लाभ मद से 20-20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया. वहीं मुखिया इन्दु देवी ने कबीर अंत्येष्टि से 3-3 हजार रुपया नगद दिया और डॉग एक्सपर्ट से घटना की जांच करबाने के आश्वासन बाद समाजिक कार्यकर्ता एवं पुलिस पदाधिकारी ने करीब चार घन्टे बाद 12 बजे के करीब शव को पोस्टमार्टम में भेजा और सड़क पर परिचालन सामान्य हुआ.
घटना के पीछे के कारणों का अबतक कुछ भी पता नही चल सका है. बताया जाता है कि अन्य दिन मृतक दंपति 70 वर्षीय चन्द्रदेव पासवान व उनकी पत्नी यशोदा देवी (65) के साथ उनके दो पोते 10 वर्षीय धर्मवीर और आठ वर्षीय हिमांशु भी सोया करते थे. लेकिन घटना की रात यह दोनों बच्चे डेरा की बजाए अपने घर पर ही सोए थे. ऐसा आशंका जाहिर की जा रही है कि अगर ये दोनों बच्चे भी उक्त डेरा पर सोये होते तो अपराधी इन्हें भी मौत की नींद सुला दिये होते. मृतक के बड़े पुत्र शिक्षक अर्जुन पासवान ने बताया कि हमें किसी से कोई दुश्मनी नही थी.
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