बेगूसराय : गिरिराज सिंह के अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण के बाद राजद और सीपीआई ने किया प्रतिमा का शुद्धिकरण
बेगूसराय के बलिया में अंबेडकर की मूर्ति पर बेगूसराय सांसद और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतवंशी जागृति यात्रा के दौरान माल्यार्पण किया था. उस प्रतिमा को शनिवार को राजद और सीपीआई के नेताओं ने गंगाजल से धोकर शुद्धिकरण किया.
वहीं प्रतिमा की शुद्धिकरण के बाद राजद और सीपीआई नेताओं ने कहा कि कल जो गिरिराज सिंह ने संप्रदायिकता को भड़काने वाली बात बोली थी. हम लोग भाईचारा के लिए शुद्धिकरण कर रहे हैं, नफरत फैला के जो बाबासाहेब के प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया, इसीलिए हम लोग आज शुद्धिकरण किए हैं. उन्होंने कहा कि कम्युनिस्ट पार्टी का मानना है कि दुनिया के मजदूरों एक हो मजदूर में सभी जात धर्म एक साथ रहते हैं. हम इंसान की बात करते हैं, मानव की बात करते हैं, कोई जात धर्म की बात नहीं करते हैं. हम लोग बाबासाहेब को आदर्श मानने वाले लोग हैं. हम बाबा साहेब संविधान के मानने वाले लोग हैं. यह लोग जो है गोडसे को मानने वाले हैं, जो अंग्रेज का चापलूसी किए थे, अंग्रेज का मुखबिरी किया था, कांग्रेस से माफीनामा लिखकर दिया था वही आज खुद को देशभक्त कहते हैं.
उधर, राजद और वामदलों द्वारा अंबेडकर की प्रतिमा का शुद्धिकरण किये जाने को लेकर भाजपा जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि भारतवंशी जनजागृति यात्रा के दौरान बेगूसराय सांसद से केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने बलिया प्रखंड मैदान स्थित संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की थी, परंतु शुद्धीकरण का नाम देकर उस प्रतिमा पर गंगा जल अर्पित कर वामपंथ एवं राजद की घृणित मानसिकता ने एक बार पुनः समाज को पृथक करने का काम किया है. उन्होंने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर किसी एक जाति किसी एक समुदाय अथवा किसी एक पंथ के नहीं हैं, बाबा साहेब की छवि संपूर्ण राष्ट्र में व्याप्त है एवं वे भारत के कण-कण में विराजमान है. संविधान बचाने की तथाकथित बातें करने वाले राजनीतिक दलों के नेताओं ने जिस प्रकार से इस घृणित कार्य को अंजाम दिया है. उससे यह साफ स्पष्ट होता है कि वे अपनी राजनीतिक अस्मिता बचाए रखने के लिए केवल और केवल संविधान का नाम लेकर राष्ट्र को गुमराह करने का काम कर रहे हैं जबकि उनकी असली मंशा केवल सत्ता प्राप्ति की है. राजनीतिक प्रतिबद्धताओं से परे हटकर भी लोग बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को अपना आदर्श मानते हैं एवं संविधान के प्रति अपनी आस्था रखते हैं और ऐसे में एक केंद्रीय मंत्री द्वारा माल्यार्पण किए जाने पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर प्रतिमा पर गंगाजल डालकर उन्हें शुद्ध करने की बात कहने वाले लोग स्वतः अपने मानसिक दिवालियापन का अंदाजा लगा सकते हैं. जिस वामपंथ को संपूर्ण देश ने सदियों पूर्व नकारा है एवं जिस राजद के बिहार के लोगों ने पूर्ण रूप से नकार दिया है. वैसी राजनीतिक पार्टी के लोग बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति सम्मान की बातें कभी नहीं कर सकते हैं एवं ना ही संविधान में अपनी आस्था रख सकते हैं. वे केवल और केवल इस राष्ट्र को इस समाज को पृथक करने की मानसिकता रखते हैं और यह राष्ट्र अब अलगाववादी ताकतों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है क्योंकि राष्ट्र के एक एक राष्ट्रवादियों ने भारतीय एकता अखंडता एवं संप्रभुता को अक्षुण्ण रखने का दृढ़ संकल्प लिया है.
वहीं भाजपा नेता एवं पूर्व प्रतियाशी अमर कुमार ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि बाबा साहेब, भीमराव अंबेडकर संपूर्ण राष्ट्र के लिए सर्वमान्य हैं और उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करना हो अथवा उनके प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त करना हो भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता बिना किसी भी दिखावे के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि व्यक्त करता है. वामपंथ के लोगों ने अपने प्रारंभिक काल से ही जिस प्रकार के अलगाववाद नक्सलवाद और माओवाद की राजनीति को बढ़ावा दिया है वह पुनः समाज को विकास की गति से तोड़कर उस ओर ले जाने की कोशिश में लगा है जो अब कदापि भी सम्भव नही है. सुमित सन्नी ने कहा कि भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली सरकार समाज के हर वर्ग को जोड़कर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के सपनों के समाज को बनाने के लिए दृढ़ संकल्पित है. राजद और वामदलों द्वारा शुद्धिकरण की निंदा करने वालों में भाजपा नेता अमरेंद्र अमर, राजेश अम्बष्ठ, जनार्दन पटेल, इंदु मिश्रा, ललन सिंह, अशोक यादव एवं राकेश रौशन आदि शामिल रहें. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).
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