औरंगाबाद : मंडलकारा में बंद कैदी की मौत, परिजनों ने रमेश चौक पर शव रखकर किया हंगामा
औरंगाबाद से बड़ी खबर है, जहां हत्या के एक आरोपित बंदी की मंडलकारा में बुधवार की सुबह अचानक मौत हो गयी. कैदी की हार्ट अटैक से मौत की आशंका जताई जा रही है. वहीं प्रिजानो ने शव को रमेश चौक पर रख सड़क जाम करते हुए जमकर हंगामा किया.
बताया जाता है कि 21 अक्टूबर को मृतक बंदी समेत चार को दोषी करार किया गया था, जिसमें सज़ा के बिंदु पर अंतिम सुनवाई की तिथि चार नवंबर को निर्धारित की गई थी. इस घटना में मृतक की पहचान माली थाना अंतर्गत बैरिया बाजार स्थित पासवान बिगहा निवासी ललन पासवान के रूप में की गई है. माना जा रहा है कि बंदी की मौत हार्ट अटैक से हुई है.
इस संबध में कारा अधीक्षक सुजीत झा ने बताया कि बुधवार की सुबह बंदी ललन पासवान के सीने में तेज दर्द की शिकायत मिली. शिकायत के बाद आनन-फानन में उसे इलाज के लिए सदर अस्पताल औरंगाबाद में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी. इसके बाद बंदी के मौत की सूचना परिजनों को दी गयी. उन्होंने बताया कि हत्या के आरोप में एक अभियुक्त राजेंद्र पासवान कांड के बाद से ही जेल में बंद है, जबकि मामले में ललन पासवान समेत तीन अन्य आरोपी न्यायालय द्वारा दोषी करार देकर बंधपत्र विखंडित किये जाने के बाद जेल में बंद थे. वहीं जेल में बंद होने के पांचवे दिन एवं सजा सुनाए जाने के ठीक आठ दिन पहले ललन ने आज सुबह सीने में तेज दर्द की शिकायत की. शिकायत के बाद उसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
वहीं मृतक के परिजनों ने जेल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. परिजनों का कहना है कि जेल में कैद होने से पहले इन्हें किसी प्रकार का कोई बीमारी नही थी. अचानक जेल में आते ही इन्हें बार्ट अटैक कैसे आ गया. वहीं परिजनों ने कहा कि सजा के बिंदु पर क्या सुनवाई हुआ इसकी जानकारी हमलोगों को नही मिली और आज अचानक इनके मौत की खबर मिलती है. सूचना मिलते ही मृतक के परिजन सदर अस्पताल औरंगाबाद पहुचे इसके बाद परिजन सदर अस्पताल से शव को रमेश चौक पर रखकर सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे.
उधर, कैदी की मौत के बाद अपर जिला व सत्र न्यायाधीश प्रणव शंकर ने मामले में जांच का आदेश दिया है. उन्होंने बताया कि बंद एक कैदी की मौत हुई है जो काफी दु:खद घटना है. इस घटना का वास्तविक कारण केस को लेकर जांच का आदेश दिया गया है. (सेंट्रल डेस्क).
Comments are closed.