चाईबासा : गुजरात के टूर से लौटे नेहरू युवा केंद्र के दल का हुआ स्वागत
संतोष वर्मा
चाईबासा में 12 दिसंबर 18 को निकले 20 आदिवासी युवा-युवतियों का दल रविवार को चाईबासा हेड क्वार्टर 197 बटालियन आ गया. मुख्यालय आगमन पर युवाओं का कमांडेंट एवं अन्य अधिकारियों जवानों द्वारा भव्य स्वागत किया गया.
बता दें कि यह प्रथम दल नेहरु युवा केंद्र के सहयोग से सूरत के लिए भेजा गया था जहां सूरत में समरस हॉस्टल, जिसमे 2000 बच्चे बच्चियां एक साथ रहती हैं. वीर दक्षिण गुजरात में लगी दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति, के साथ साथ गुजरात विश्वविद्यालय में व्याख्यान से भी बहुत प्रभावित रहे. इसके अलावा सुरत के मशहूर सिनेमा घरों की चकाचौंध भी इनकी मासूम निगाहों पर जीवन की एक नई परिभाषा प्रस्तुत करते हुए मंत्रमुग्ध कर गई.
युवाओं ने अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ति जो भारत में स्थापित की गई है. इससे उन्हें प्रेरणा मिली है कि सपने बड़े देखने चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए सर्वस्व न्योछावर कर देना चाहिए.
परम शिवम कमांडेंट 197 बटालियन का संदेश साझा करते हुए उप कमांडेंट आशीष कुमार ने बताया कि ये 12 दिन इन युवाओं के जिंदगी में केवल दिन नही बल्कि अनुभव का 12 साल साबित हो तथा इनके जीवन को बदलने का प्रेरणास्रोत के तौर पर काम करे तभी ये यात्रा सफल मानी जाएगी. वहीं युवाओं ने आश्वासन दिया कि इनके जीवन में जो अंधकार है उसे अब पुरजोर तरीके से दूर करने की कोशिश की जाएगी.
स्वागत समारोह में कमान अधिकारी विनोद कुमार रावत, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुधाकर राय, सहायक कमांडेंट देवेन्द्र नायडू एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे.
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