जमशेदपुर : जीवित वरिष्ठ नागरिक को प्रशासन ने बनाया मृत्त, इंसाफ के लिए पीड़ित ने उपायुक्त कार्यालय के सामने दिया सपरिवार धरना
अभिजीत अधर्जी
जमशेदपुर जिला प्रशासन का एक अजीब गरीब और चौकाने वाला कारनामा सामने आया है. जहां जिला प्रशासन ने एक जीवित मनुष्य को सरकारी दस्तावेजो में मृत घोषित कर दिया वहीं वे एक वरिष्ठ नागरिक जाते रहे एसडीओ कोर्ट तारीख पर.
अनिश्चित कालीन धरने पर बैठा यह वरिष्ठ नागरिक अपने ऊपर हो रहे पारवारिक और सरकारी अत्याचार के विरोध में है. पीड़ित नागेश्वर चौबे उम्र के उस पड़ाव में हैं जहां परिवार के साथ अपने घर में आराम करते. मगर 77 वर्ष की उम्र में अपने ही बेटे के द्वारा उनका घर कब्जा करने की कोशिश को रोकने के लिए वे आंदोलित है. नागेश्वर चौबे के तीन पुत्र जो जमशेदपुर के भुइयांडीह निवासी है. जिनका बड़ा पुत्र सुशांत पूरी सम्पति पर कब्जा करना चाहता है. पेशे से शिक्षक रहे नागेश्वर चौबे अपने बेटे के साथ अपने घर पर कब्जा ज़माने की लड़ाई में थाना और फिर थाना से एसडीओ कोर्ट का चक्कर लगा परेशान है. जहा इस परेशानी को झेल ही रहे थे. जिसमे परेशानी का एक सरकारी पहाड़ उन पर टूट पड़ा और पुत्र सुशांत चौबे ने पिता को स्वर्गीय नागेश्वर चौबे थाना के सरकारी कागजात में घोषित करा दिया. जिसका विरोध पीड़ित ने एसडीओ कोर्ट में भी किया मगर इस मामले पर कुछ नहीं हुआ. बोला गया गलती एसडीओ ऑफिस की नही बल्कि सिदगोड़ा थाना की है. पीड़ित की माने तो जीवित व्यक्ति को मृत बता परेशान करते हुए घर कब्जा करने की साजिश है. जिसका विरोध इस धरना के माधयम से कर रहे है.
वही वरिष्ठ नागरिक होने के नाते उनको सरकारी मदद मिलना चाहिए थी मगर जीवित को मृत घोषित कर प्रताड़ित किया जा रहा. इस पीड़ा से निजात की गुहार के लिए वेे प्रधानमंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक लगा चुके है. मगर दुर्भाग्य है कि अपनी संपत्ति और नाम बचाने के लिए अनिश्चित कालीन धरना पर बैठना पड़ रहा है. जहां एसडीओ कोर्ट के इस नोटिस पेपर में पीड़ित के नाम के पहले स्वर्गीय लिखना बताता है. इस बुजुर्ग के साथ अत्याचार को देखने वाला कोई नहीं है. न्याय के लिए उपायुक्त कार्यालय के समीप धरना पर बैठे हैं.
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