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हजारीबाग : सरकार की मुहिम असफल, सीसीआर के सभी वाहन में जीपीएस फेल

कुंवर यादव 

हजारीबाग सीसीआर की आंतरिक व्यवस्था में बड़ी खामी प्रकाश में आया है. राज्य सरकार ने शहर में सुरक्षा बहाल करने व त्वरित कार्रवाई में सुविधा को लेकर जिन जीपीएस लगे वाहनों को मुहैया कराया है, उन वाहनों का जीपीएस पिछले आठ माह से रिचार्ज ही नहींं किया गया था. बगैर रिचार्ज के सिर्फ लोगों को दिखाने के लिए व डराने के लिए शहर की सड़कों पर दर्जनों वाहन दौड़ रहे थे. कंट्रोल से बाहर होने के कारण टीम शहर के किसी भी रूट व शहर से बाहरी इलाकों में बेवजह भ्रमण करती रहती थी. जीपीएस रिचार्ज नहींं होने के कारण उनका मॉनीटरिंग भी सीसीआर से डिस्कनेक्ट हो गया था. यह भेद खुलने के बाद कई तरह की आशंकाएं लोगों में हैं.

हज़ारीबग के पीसीआर गाड़ी में आखिर रिचार्ज नहीं किए जाने का मकसद क्या था. कहीं ऐसा तो नही कि पेट्रोलिंग टीम को अप्रत्यक्ष रूप से बगैर डायरेक्शन के राउंड लगाने की खुली छूट दे दी गई थी और उनके गुनाहों को छुपाने के लिए जीपीएस को हीं रिचार्ज नही कर बेकार कर दिया गया था. राज्य मुख्यालय द्वारा मुहैया कराए गए 19 सफारी वाहन शहर के सड़कों पर लगातार दौड़ रही हैं. जिसका नियंत्रण सीसीआर ऑफिस से है. जहां से जीपीएस के माध्यम से पुलिस व वाहनों के हरेक गतिविधियों पर वाच करने की व्यवस्था बनी हुई है. इसके लिए सीसीआर में टेकनिकल जानकार कई लोग पदस्थापित हैं. जीपीएस लगे होने के कारण वाहनों पर इतनी बारीक निगरानी रखने की व्यवस्था है जिससे वाहन के साथ पेट्रोलिंग कर रही टीम झूठ को नहीं छिपा पाएगी. ऐसे में सीसीआर कंट्रोल रूम हरेक वाहनों के बारे में यह जान सकेगा कि कौन सा वाहन किस इलाके में है और अगर कहीं घटना घटी तो यह भी पता कर लेगा कि घटना स्थल से कितनी दूरी पर पेट्रोलिंग टीम मौजूद है. यह भी पल पल की खबर कंट्रोल रख सकेगा कि वाहन अपने इलाके को छोड़ किसी अन्य ठिकानों पर तो नहीं हैं. पेट्रोलिंग टीम के हरेक गतिविधियों की जानकारी कंट्रोल रूम के स्क्रीन पर चलता रहेगा. लेकिन इस व्यवस्था का उपयोग ही नहीं किया जा रहा है.

हज़ारीबग के पीसीआर वाहन में जीपीएस रिचार्ज नहीं होने की बाबत और लोगों की सुरक्षा में कमी होने की बाबत जब हजारीबाग में नव पदस्थापित महिला डीएसपी से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हम इस बात को लेकर गंभीर हैं और इस संबंध में अपने आला अधिकारी से बात भी किए हैं. लेकिन उनका कहना है कि हमारे पास फिलहाल फंड की कमी है, जिससे कि आने वाले दिनों में पूरा कर लिया जाएगा और जल्द ही जीपीएस सिस्टम को फिर से सुचारु रुप से शुरू कर लोगों को बेहतर सुरक्षा दिया जाएगा.

क्या कहते हैं लोग

रिचार्ज नहीं करा कर सिस्टम को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया. यह तथ्य सामने आने के बाद अब लोगों को समझ में आने लगा है कि जिन वाहनों को हाइवे पर होना चाहिए वह रेलवे स्टेशन रोड में कैसे पहुंच जाता था और जिसे शहर में होना चाहिए वह पेलावल, गदोखर इलाका कैसे पहुंच जाता था.

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