दुमका : जिले में है एक ऐसा गांव जहां आने-जाने को नहीं है सड़क
दुमका जिले में काठीकुंड प्रखंड के पंचायत पिपरा के अन्तर्गत जितपुर गांव अभी भी सड़क मार्ग से पूर्णत: कटा हुआ है. इस गांव में करीब 36 घर है, जिसकी जनसंख्या करीब 250 है.
गांव के सड़क से नही जुड़े होने के कारण ग्रामीणों को बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों के साथ बच्चों को भी रोज स्कूल आने-जाने में बहुत कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है. ग्रामीणों ने कहना है कि कुछ परिजन बच्चे के अच्छे तामिला के लिय बच्चों को प्राइवेट स्कूल में भर्ती कराए है लेकिन गांव सड़क मार्ग से नही जुड़ा होने के कारण स्कूल वैन भी गांव तक नही पहुचती है.
जहाँ एक ओर सरकार गरीबों के लिय मुफ्त एम्बुलेंस की सेवा दे रही है, वहीं इस गांव के ग्रामीण उसका फायदा उठाने के लिय भी सड़क मार्ग नही होने के कारण पूरा फायदा नही उठा पा रहे है. ग्रामीणों का कहना है कि अगर गांव में कोई गर्भवती व मरीज है और उसका स्वस्थ्य संस्थान में सुरक्षित डेलेभरी व इलाज कराना हो तो सड़क मार्ग नही होने के कारण एम्बुलेंस गांव तक नही आती है. गर्भवती व मरीज को एक से डेढ़ किलोमीटर खटिया में ले जाना पड़ता है तब जाकर एम्बुलेंस द्वारा उन्हें स्वस्थ्य केंद्र भेजा जाता है. गांव तक एम्बुलेंस नही आने के कारण संस्थागत प्रसव की संख्या में भी कमी होती है.
सड़क नही होने के कारण अक्सर मोटरसाइकिल और साइकिल सवार दुर्घटना का शिकार हो जाते है. ग्रामीणों का कहना है कि कई वर्षो से जन प्रतिनिधियों से सड़क का मांग कर रहे है लेकिन जन प्रतिनिधि इसे गंभीरता से नही ले रहे हैं और सिर्फ आश्वासन ही दे रहे है. वहीं थक हार कर अब ग्रामीणों ने यह निर्णय लिया है कि अगर गांव को सड़क मार्ग से नही जोड़ा जाता है तो आगामी चुनाव में वोट का बहिष्कार किया जायेगा. ग्रामीणों ने कहा यह गांव दो तरफ से मुख्य मार्ग से जुड़ सकता है. एक जितपुर से दुर्गाडीह जो करीब एक किलोमीटर है, बीच में एक छोटा नदी “चीतान गाडा” है,उसमे एक पुल की जरुरत है और दूसरा जितपुर से पिपरा जो करीब 1.5 किलोमीटर है. ग्रामीणों का जन प्रतिनिधियो, सरकार और प्रशासन से मांग है कि गांव को दोनों तरफ से सड़क मार्ग को जल्द से जल्द जोड़ा जाए.
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