दुमका : अंग्रेजों के जमाने से लोग डोभा का दूषित पानी पीने को मजबूर, सरकार द्वारा नहीं की गयी स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था
दुमका जिला के गोपीकांदर प्रखंड के नमोडीह गांव के प्रधान टोला में लोग अंग्रेजों के जमाने से डोभा का दूषित पानी पीने को मजबूर हैं. यहां सरकार द्वारा आजतक स्वच्छ पेयजल की कोई व्यवस्था नहीं की गई है.
बता दें कि गोपीकांदर प्रखंड के नमोडीह गांव का प्रधान टोला की जनसंख्या लगभग 280 है. यहां के ग्रामीणों को वर्षा के मौसम में भी पीने के पानी के संकट से जूझना पड़ रहा है. इनकी सुध लेने वाला कोई नही है. यहाँ के जल संकट को लेकर ज़िला प्रशासन हाल ही में इस मामले पर संज्ञान लेते हुए ग्रामीणों को अपने समस्याओं को ग्राम सभा कर देने को कहा गया. ग्रामीणों ने ग्राम सभा कर प्रखंड विकास पदाधिकारी, गोपीकांदर के नाम लिखित आवेदन दिया. इसके साथ-साथ सिदो-कान्हू मुर्मू सामाजिक एकता मंच, सामजिक संगठन ने भी प्रखंड विकास पदाधिकारी को जन समस्याओं से अवगत कराया. उसके बाद प्रशासन रेस हुआ और इस टोला में एक मात्र चापाकल में सोलर टंकी लगाया गया. लेकिन वह सफल नही हुआ. जिसके बाद ग्राम प्रधान और मुखिया को बिना सूचना दिए विभाग ने सोलर टंकी को वापस ले लिया.
गांव के मुखिया का कहना है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी का ड्राइवर टंकी को यहाँ से उठा कर ले गया. ग्रामीणों का कहना है कि उस समय एक मात्र चापाकल का 2/3 पाइप लिक/सड़ा था जिसे मिस्त्री ने निकाल दिया था, जिस कारण चापाकल का स्थिति और ख़राब हो गयी जिस कारण अब वर्षा के मौसम में भी इस चापाकल से पर्याप्त पानी नही निकलता है.
ग्रामीण करीब आधा किलोमीटर से अधिक दूर जंगल से झरना का पानी उबर-खाबर रास्ते से जाकर लाते है.जो कि प्रदूषित है. जिस कारण इस टोला के ग्रामीण और बच्चे अक्सर बीमार पड़ते रहते है. मुखिया दुर्गा देहरी का कहना है यह टोला कई वर्षो से पानी संकट से जूझ रहा है. अंग्रेजों ज़माने से ही हम ग्रामीण डोभा और झरना का पानी पीने के लिय विवश है. कई सरकारे आयी और गयी, कई जन प्रतिनिधि आये और गए, लेकिन नामोडीह गांव का प्रधान टोला जल संकट से जूझता रहा. किसी ने कोई समाधान नही किया. ग्रामीण कई वर्षो से ही गर्मी का मौसम में करीब 1.5 किलोमीटर दूर डोभा/झरना से प्रदूषित पीने का पानी लाते है और जब वर्षा का मौसम रहता है तो करीब करीब आधा किलोमीटर से अधिक दूरी से झरना/डोभा का प्रदूषित पीने का पानी लाते है.
वर्तमान समय में नामोडीह गांव का सभी टोला पानी समस्या से जूझ रहा है. सभी टोला बहुत दूर-दूर है. अन्य दो टोला में कई महीने पहले डीप पाताल बोरिंग किया गया है लेकिन अभी तक चालू नही किया गया है. ये टोला भी झरना/डोभा व कुआँ का का पानी पीने के लिये विवश है.
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