दुमका : गोपीकांदर प्रखंड के नमोडीह गांव में पेयजल की समस्या को लेकर लोगों ने किया वोट बहिष्कार का ऐलान
दुमका के गोपीकांदर प्रखंड के नमोडीह गांव के ग्रामीणों पीने के पानी की समस्या को लेकर इस बार लोक सभा चुनाव के बहिष्कार किये जाने का ऐलान किया है.
बता दें कि नमोडीह गँवासी पेयजल के संकट से जूझ रहे है. इस गांव में दूर-दूर स्थित कुल पांच टोला है. जिसमे लगभग 175 घर और उनमें करीब 875 जनसंख्या है. इस गांव में कुल पांच चापाकल है, जिसमे मात्र एक ही चापाकल ठीक है. कई चापाकल कई वर्षो से ख़राब पड़े है.जन प्रतिनिधियों से शिकायत करने पर भी चापाकल का मरम्मती नही किया जा रहा है. पथरीला क्षेत्र होने के कारण अक्सर ग्रामीणों को गर्मी के दिनों में काफी दिक्कत का सामना करना पड़ता है. यहाँ के ग्रामीण लगभग ढेड़ किलोमीटर दूर पथरीला रास्ता होकर झरना/डोभा से पीने का पानी लाते है.
ग्रामीणों का कहना है कि इस गांव में इसानो के साथ-साथ मवेशियों को भी पीने का पानी का बहुत दिक्कत है. झरना/डोभा में मवेशी भी पानी पीते है और मवेशियों अक्सर मल-मूत्र से झरना/डोभा का पानी प्रदुषित कर देते है. लेकिन मज़बूरी वश सभी ग्रामीणों को इसी झरना/डोभा का पानी पीना पड़ता है. प्रदुषित पानी से बीमार होने की संभवना बढ़ जाती है. लेकिन ग्रामीणों को इसके अलावा कोई उपाय भी नहीं है. शौचालय आदि जाने के लिय भी ग्रामीणों को सोचना पड़ता है. अक्सर पानी को लेकर घर में तनाव बना रहता है.ग्रामीणों का यह भी कहना है कि दिनचर्या के लिय पानी का व्यवस्ता करने में काफी समय नष्ट हो जाता है, जिससे मजदूरी काम प्रभावित हो जाती है.
ग्रामीणों का प्रशासन, जन प्रतिनिधियो और सरकार से मांग है कि हर टोला में दो-दो नये डीप बोरिंग किया जाय और गांव में जल मिनार (पानी टंकी) का निर्माण कर ग्रामीणों को जल आपूर्ति किया जाये. ग्रामीणों की यह भी मांग है कि गांव में आधा-अधुरा पीसीसी ढलाई किया गया है, इसे पूर्ण किया जाये, जाहेर थान का घेराव किया जाये, जर्जर मांझी थान का पुनः पक्कीकरण किया जाये और नमोडीह गांव से खरौनी बाजार तक जर्जर हुए सड़क का मरम्मती करवाया जाये.
ग्रामीणों ने सर्व सम्मति से यह निर्णय लिया है कि अगर गांव के जन समस्याओं का समाधान नही किया जाता है तो वोट का बहिष्कार किया जायेगा.
इस मौके में जोसफ मुर्मू, जर्मन मुर्मू, कणभय मुर्मू, बैजन टुडू, गुलू सोरेन, गणशा टुडू, पावल मुर्मू, शिवधन टुडू, मदन मार्डी, बुदिनाथ मुर्मू, सवित्री मरयान, निलमुनी मरयान, लखीमुनि कुमारी, सुनीता कुमारी, पुतुल लोहार, गोविन्द मरैया, विनोद मरैया, सरस्वती मरयान, मेरी टुडू, सोनमुनी टुडू, जोगेश्री मुर्मू, सुमि सोरेन, फूलमुनि हेम्ब्रोम, करीना बास्की, निलमुनी हेम्ब्रोम, जसिंता मरांडी, मर्शिला किस्कू, धोनमुनि मरांडी, गोपीनाथ हेम्ब्रोम, कालिदास हेम्ब्रोम, महेंद्र मुर्मू, अर्जुन मुर्मू, वकील सोरेन, मुंशी मरांडी के साथ काफी संख्या में महिला और पुरुष उपस्थित थे.
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