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चाईबासा : इलाज में लापरवाही के कारण युवक की मौत मामले में जांच को पहुंची टीम

संतोष वर्मा

https://youtu.be/RCM-b-4TXGo

चाईबासा के जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थय केंद्र में दीपासाई निवासी 28 वर्षिय मिलू कुम्हार की डॉक्टर द्वारा इलाज के दौरान लापरवाही बरते जाने के कारण हुई थी. इस मामले को लेकर स्वास्थय सचिव के निर्देश पर सदर अस्पताल चाईबासा के सिविल सर्जन मंजू दुबे द्वारा मामले की जांच के लिए सहायक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ वीरेंद्र कुमार सिंह व जिला कुष्ट निवारण पदाधिकारी डॉ शाहीद पॉल को भेजा गया था.

मिलू कुम्हार की मौत का जांच करीब चार माह बाद पुरी हुई.जांच के दौरान मुख्य रूप से मृतक की मौत का दोषी के रूप में डॉक्टर पंकज महतो के खिलाफ लिखित रूप से शिकायत पत्र भी दिया गया और जांच दल मौखिक रूप से भी इस प्रकरण में शामिल कर्मियों से पूछ ताछ की. दूसरी और जांच के समय मृतक मिलू कुम्हार की पत्नी ने कहा की सर यदि सही समय पर मेरे पती को बेहतर ईलाज के लिए रेफर कर दिया होता तो शायद वह जिवित होता. जबकि रेफर के लिए बोला गया था और अलट्रासाउंड कराने को भी लिखा गया, लेकिन डॉक्टर को जानकारी है कि इस स्वास्थ केंद्र में जांच की सुविधा नहीं है फिर भी रेफर नहीं किया गया.

वहीं मामले की जांच करने आए जांच टीम में डॉ वीरेंद्र कुमार ने कहा कि सिविल सर्जन के द्वारा मिलु कुम्हार की मौत चिकित्सकों द्वारा होने के आरोप पर की जा रही है जिसमें मृतक के पत्नी चिकित्सक एवं फोर्थ ग्रेड स्टॉप से जानकारी ली गयी और बातचीत किया. वहीं इलाज के दौरान के सभी कागजात भी लिया गया. साथ ही जांच के दौरान पाया गया डॉक्टर ने अगर अल्ट्रासाउंड जांच लिखा था तो यह सुविधा नहीं थी तो मरीज को रेफर किया जाना चाहिए था, एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि अभी यह कहना काफी मुश्किल है कि यह चिकित्सक की गलती से मौत हो गई. स्वास्थ्य समिति की बैठक 9 साल से नहीं होने के आरोप पर टीम ने बैठक क्यों नहीं हुई, यह जानकारी बीपीएम से ली और उन्हें कड़ी फटकार भी लगाई. उन्होंने आदेश दिया कि हमेशा बैठक हो.

वहीं पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोगा कहा कि ने जांच टीम से मांग है कि मृतक के परिजनों को सरकारी मुआवजा मिले. मिलु कुम्हार की मौत चिकित्सकों की लापरवाही से हुई है दोषी चिकित्सक पर कार्रवाई हो. नवाज हुसैन ने कहा कि लापरवाही से हुई मौत मृतक मिलूं के परिजनों को मुआवजा के तौर पर 25 लाख रुपये एवं तत्काल प्रथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मृतक की पत्नी को रोजगार दिया जाए. यह जांच टीम अनुशंसा करें, क्योंकि मृतक के परिजनों ने लिखित दिया है. चिकित्सकों की लापरवाही से ही मौत हुई है. वहीं ऐसी घटना की पुनरावृत्ति ना हो व्यवस्था में सुधार हो ऐसी आशा हमें जांच टीम से है.

वार्डन अटेंडर मीरा कुमारी ने लिखित रूप से कहा है कि मिलु के इलाज के दौरान डॉक्टर पंकज महतो देखने नहीं आए. जब फोन किया गया तो उन्होंने मेरा फोन नहीं उठाया. मरीज को काफी दर्द हो रहा था, हमने डॉक्टर शर्मा से फोन कर उन्हें बुलाया और उनके दिशा निर्देश पर दवाई दिलवाई, मेरी ड्यूटी खत्म होने के बाद मैं चली गई थी. 11:00 बजे करीब मुझे फोन कर डॉ पंकज ने कहा कि आपके कारण सब कुछ हुआ है, उन्होंने धमकी देते हुए कहा कि तेरा नौकरी गया. वहीं दूसरे अटेंडर ज्योति पूर्ति ने कहा कि मेरी ड्यूटी थी पर मेरा बेटा का तबीयत खराब होने के कारण डॉ पंकज को फोन कर सूचना भी दे दी थी, इसके बाद भी मुझे शो कॉज किया गया.

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