चाईबासा : गीता कोड़ा की संभावित जीत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म
संतोष वर्मा
चाईबासा में जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र का लगातार दो बार प्रतिनिधित्व करनेवाली महागठबंधन समर्थित कांग्रेस प्रत्याशी गीता कोड़ा की संभावित जीत को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. यदि वह सांसद पहुंचने में कामयाब रहीं तो इस ऐतिहासिक जीत के पीछे कई फैक्टर निर्णायक साबित हो सकते हैं. चुनाव लड़ने की उनकी रणनीति बाकी राजनीतिक दलों से अलग रही है.
बता दें कि गीता कोड़ा की चुनावी रणनीति उनके पति मधु कोड़ा बनाते हैं. इस बार भी रणनीति बनाने से लेकर चुनावी प्रबंधन की कमान उन्हीं के हाथों में थी. वह रणनीति के माहिर व अनुभवी है. इस चुनाव में जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के 233 बूथों में गीता कोड़ा की बूथ कमेटी बाकी राजनीतिक दलों से काफी मजबूत दिखी. बूथ कमेटी बनाने में मधु कोड़ा को 30 वर्षों का लंबा अनुभव है जिसका लाभ गीता कोड़ा को मिल सकता है. सूत्रों का कहना है कि इस बार भी कोड़ा दंपत्ति ने बूथ कमेटी पुरानी टीम पर ही अधिक भरोसा दिखाया.
वहीं बूथ कमेटी के अलावा कोड़ा दंपत्ति की डैमेज कंट्रोल टीम भी अलर्ट मोड रहती है, ताकि यू-टर्न लेते हालात काबू पाया जा सके. वहीं प्रखंड स्तर पर अलग चुनावी टीम सक्रिय रहती है. पैसे का सही उपयोग हो, इसके लिए निगरानी कमेटी भी होती है. इसमें उनके करीबी व भरोसे के लोग होते हैं. प्रचार का तौर-तरीका भी औरों से जुदा है. यदि गीता कोड़ा एक गांव में प्रचार कर रही हो तो एक टीम अगले गांव में बैठक की तैयारी कर चुकी होती है और गीता कोड़ा वहां पहुंचते ही ग्रामीणों से मिलती है. फिर यही सिलसिला आगे भी चलता है. सोशल मीडिया में सक्रियता के मामले में भी इस बार गीता कोड़ा बाकी उम्मीदवारों से दो कदम आगे रहीं.
खास बात यह भी है कि जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र में गीता कोड़ा के लिए कोई स्टार प्रचारक नहीं आया. लिहाजा, उनके पति मधु कोड़ा ही स्टार प्रचारक व सारथी की भूमिका में थे. गीता ने बाकी उम्मीदवारों की तुलना में अधिक गांवों तक जनसंपर्क अभियान भी चलाया. गीता को व्यहार-कौशल, मृदुभाषी, मिलनसार, सर्वसुलभ होने के अलावा महिला प्रत्याशी होना भी प्लस प्वाइंट रहा. इस कारण महिलाओं का एक बड़ा वर्ग का वोट उनको मिलने की चर्चा आम है. कोड़ा दंपत्ति की एक विशेषता यह भी है कि वे अपने कार्यकर्ताओं को नाम से भी जानते हैं.
Comments are closed.