चाईबासा : चर्चित सूबेदार कैरम हत्या मामले में पुलिस ने अन्य छः आरोपियों को भी किया गिरफ्तार
संतोष वर्मा
चाईबासा जिले के जेटेया थाना क्षेत्र में पड़ने वाले कातीकोड़ा में 26 दिसंबर के शाम हुये सुबेदार कैरम की हत्या मामले में फरार अन्य छः अभियुक्तों को भी पुलिस ने शनिवार की रात गिरफ्तार कर लिया.
बता दें कि बाजार हाट में झालमुड़ी बेचकर परिवार का भरन पोषण करने वाले सुबेदार कैरम की हत्या उसके ही भतीजे सिकुर कैरम नें 20 हजार रूपये का प्रलोभन देकर करवा दिया गया था. इस घटना के बाद पुलिस अधीक्षक चंदन झा के दिशा निर्देश पर जेटेया थाना प्रभारी चंदन कुमार ने हत्या में शामिल दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. इसके बाद घटना संलिप्त अन्य छ: अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए योजना बनाया. इसी योजना के तहत 29 की रात जेटेया पुलिस जगन्नाथपुर थाना के साथ संयुक्त रूप से छापामारी कर अन्य छ: अभियुक्तों को भी पकड़ने में सफल हुए.
इस मामले को लेकर रविवार को जगन्नाथपुर अनुमंडल पुलिस उपाधीक्षक प्रभात रंजन बरबार ने संवाददाता सम्मेलन कर बताया गया कि 26 दिसंबर की रात सुबेदार कैरम की हत्या हो गई थी. इस मामले को लेकर डीबरु लागुरी व पाटन लागुरी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पुछताछ के दौरान ही इस हत्या आठ लोगों का शामील होने की बात आई थी. इसी कड़ी में 29 की रात सभी छ: अभियुक्तों को गिरफ्तार कर मामले का उद्वभेदन कर दिया गया. एसडीपीओ प्रभात रंजन बरबार ने बताया कि हत्या कराने के लिए मुख्य सजिशकर्त्ता सिकुर कैरेम ने पुछ ताछ के दौरान जानकारी दिया की हमारा पिताजी को मृतक सुबेदार कैरम ने पूर्व बहुत पिटाई किया था. इसी का बदला लेने के लिए डीबरु लागुरी व पाटन लागुरी सहित अन्य छ: लोगों के साथ सुबेदार कैरम की हत्या करने का साजिश रचा गया था और 20 हजार रुपये देने का प्रलोभन दिया गया था. इसी प्रलोभन में आकर अभियुक्तों ने मृतक की हत्या लाठी डण्डे से पीट कर कर दी.
मामले में सिकुर कैरम, रोया लागुरी, दुनु लागुरी, किसुन लागुरी, कमलेश लागुरी व सोनाराम लागुरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. साथ ही मामले को पुरी तरह सुलझा दिया गया. एसडीपीओ प्रभात रंजन बरवार ने कहा की हत्या का मामला को तीन दीन के अंदर पुरे मामला उद्दभेदन कर सभी अभियुक्तों को जेल भेजन का बेहतर कार्य किया है. छापामारी दल के सभी सदस्यों को बेहतर कार्य करने के लिए वरीय पदाधीकार के समक्ष अनुशंसा किया जायेगा, जिससे की प्रशस्ति-पत्र मिले.
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