चाईबासा : ज्यूडिशियल स्टाम्प की किल्लत, न्यायालय कार्यों में हो रही परेशानी, अवैध तरीके से दोगुने दामों पर हो रही टिकटों की कालाबजारी
संतोष वर्मा
चाईबासा सहित झारखंड के विभिन्न न्यायालयों में विगत छः माह से “कोर्ट फी टिकट (ज्यूडिशियल स्टाम्प)” नहीं होने के कारण अधिवक्ताओं के साथ-साथ न्यायालय में आने वाले आम लोगों को विभिन्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.
बता दें कि बेल पिटीशन हो या फिर शपथ पत्र या खतियान आदि सर्टिफाइड कॉपी निकलवाने में कोर्ट फ़ी टिकट लगाना अनिवार्य होता है. जिसपर राज्य सरकार के राजस्व विभाग द्वारा जारी (ज्यूडिशियल स्टाम्प) एक रुपये से लेकर पांच रुपये तक के टिकटों की कुछ वर्षों में छपाई नहीं कराई गई है. इस कारण ट्रेजरी के स्टॉक में कोर्ट फी टिकटों का स्टॉक पूरी तरह खत्म हो चुका है. इसके बावजूद कुछ न्यायलय परिसरों में चोरी छिपे कालाबाज़ारी कर टिकट दोगुने दामों में बेचे जा रहे हैं. कालाबाजारी हेतु मंगाए जाने वाले टिकट कहां से आते हैं एवं कौन लोग इसमें संलिप्त हैं यह जांच का विषय है. कारण कि जब टिकटों की छपाई ही नहीं हुई है तो कैसे टिकट उपलब्ध कराया जा रहे हैं. इस बात से इंकार भी नहीं किया जा सकता कि विभिन्न जिलों में जाली टिकटोंकी सप्लाई काले धंधे से जुड़े लोग कर रहे हैं. पूर्व में भी “अब्दुल करीम तेलगी” के स्टांप पेपर घोटाले का मामला सामने आ चुका हैं जो उस समय का देश का सबसे बड़ा घोटाला साबित हुआ था.
गौरतलब है कि कोर्ट फ़ी टिकट की उपलब्धता नहीं होने के कारण सरकार को करोड़ों रुपए के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है.
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