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चाईबासा : खेलगांव में आयोजित होगा गलोबल एग्रीकल्चर एंड फूड समिट

संतोष वर्मा

चाईबासा उपायुक्त पश्चिमी सिंहभूम अरवा राजकमल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि मुख्यमंत्री रघुवर दास झारखण्ड सरकार के नेतृत्व में दिनांक 29-30 नवम्बर 2018 को खेलगांव, रांची में ग्लोबल एग्रीकल्चर एण्ड फूड समिट का आयोजन किया जा रहा है. यह सम्मेलन माननीय प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी की अवधारणा किसानों की आय दोगुनी करने के अनुरूप है. कृषि क्षेत्र पर उच्च मूल्य निवेश का अवसर झारखण्ड राज्य में है. यह सम्मेलन जिला स्तर पर भी आयोजित किया जाना है. पश्चिमी सिंहभूम जिला में 29 अक्टुबर 2018 को कार्यक्रम किया जाएगा.

ग्लोबल कृषि एवं खाद्य शिखर सम्मेलन का उद्देश्य माननीय प्रधान मंत्री द्वारा किसान की आय दोगुनी करने की अवधारण के अनुरूप है. क्षेत्रीय मूल्य श्रृख्ला विकसित करने जैसे नेटवर्किग प्रतिनिधियों, कृषि उत्पादक किसान,कृषि उद्यमी और और अन्य स्टेकहोल्डर के लिए मंच प्रदान करने एवं आगे और पिछड़े बाजार संबंधों को सक्षम बनाता है. 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने और झारखण्ड को पूर्वी भारत में खाद्य प्रसंस्करण केन्द्र के रूप में विकसित करने के लिए है. इस ग्लोबल कृषि एवं खाद्य शिखर सम्मेलन में कृषि उद्यमी, प्रगतिशील कृषक, कृषक उत्पादक समुह, कृषि उपकरण निर्माता , विदेशी निवेशक / भारत में विदेशी दुतावास के प्रमुख, भारत और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रमुख कार्यकारी अधिकारी, कृषि उपादान आपूर्तिकर्ता, गैर सरकारी संगठन, कृषि वैज्ञानिक एवं शिक्षावद, विचारक अधिनाय एवं संगठित खुदरा विक्रेताओं और निर्यातक भाग लेंगे.

प्रत्येक सेक्टर से 20-20 लोगों के भाग लेने की व्यवस्था की जा रही है. पश्चिमी सिंहभूम जिले में यह कार्यक्रम दिनांक 29 अक्टूबर 2018 को पिल्लई हॉल चाईबासा में होगी जिसका उदघाटन सत्र 11 से 1 बजे अपराहन में होगी, एवं 1 से 2 बजे अपराहन को संगेष्टी एंव प्रदर्शनी कार्यक्रम तथा 2 से 3 बजे अपराह्न को भोजनावकाश एवं इसके तत्पश्चात संध्या 3 से 6 बजे तक रोड शो की जाएगी. प्रदर्शनी का उद्देश्य जिले के कृषि और खाद्य प्रसंस्करण क्षमता को प्रदर्शित करने के लिए कृषि पारिस्थितिक तंत्र के सभी स्टकहोल्डर को मंच प्रदान करना है. प सिंहभूम जिला के साथ ही नीति निर्माताहओं, कृषि उपकरण निर्माताओं, कृषि स्टार्टअप, कृषि पारिस्थितिक तंत्र कंपनियां के साथ नेटवर्क स्थापित कर कृषि उपकरण निर्माताओं, कृषि स्वचालन, कृषि शिक्षा और अनुसंधान / कृषि विज्ञान केन्द्र, कौशल विकास एजेंसियां, गैर सरकारी संगठन, साद्य प्रसंस्करण उद्योग, डेयरी, कुक्कुट मत्स्य उद्योग, नर्सरी, निर्यातकों, खरीदारों और विक्रेता, सरकारी एजेंसियां, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग से किसानो को लाभ पहुंचाना है.

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