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चाईबासा : दिव्यांगों के बेहतर भविष्य के लिए टाटा स्टील नोवामुण्डी द्वारा सबल सहयोग पर सम्मेलन का आयोजन

संतोष वर्मा

चाईबासा में दिव्यांगो के बेहतर भविष्य बनाने और उन्हें समाज में गरिमा प्रदान करने के केंद्र सरकार के प्रयास को टाटा स्टील ने एक अनूठी पहल शुरू की. इसके लिए पश्चिमी सिंहभूम जिला के नोवामुंडी में टाटा स्टील ने सरकारी के विभिन्न विभागों और एनजीओ की मदद से सबल सेंटर खोला है. जहां दिव्यांगों को कई तरह से प्रशिक्षण दे कर उन्हें सबल बनाने की महिम शुरू की है.

इसी दिशा में टाटा स्टील ने बुधवार को नोवामु्ंडी में सबल सहयोग सम्मेलन का आयोजन किया. जिसमें देश के कई वैसे दिव्यांग शामिल हुए, जो दिव्यांग होकर भी समाज में अन्य दिव्यांगों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं. इनमें भारत के पहले दृष्टि-बाधित आईएएस अधिकारी राजेश सिंह भी शामिल हुए. टाटा स्टील के सीएसआर चीफ अमिताभ ने बताया कि टाटा स्टील अनेबल इंडिया के साथ मिल कर दिव्यांगों को रोजगार और सम्मान पाने के लिए सक्षम बनाने के लिए प्रयास कर रहे हैं. हम अकेले काम नहीं कर सकते, इसलिए पूर्वी भारत के 6 राज्यों के वैसे लोगों को शामिल किया है, जो इस क्षेत्र में वर्षों से काम कर रहे हैं. ताकि लोग एक-दूसरे की सक्सेस स्टोरी शेयर कर आगे की चुनौतियों का सामना कर सकें. नोवामुंडी सबल सेंटर के इंचार्ज अतुल सहाय जो खुद भी दृष्टिहीन है, लेकिन टाटा स्टील के सबल सेंटर का सफल संचालन कर रहे हैं, ने कहा कि दिव्यांगों के लिए सभी स्टेकहोल्डरों और एनजीओ को आपस में कम्पीटिशन करने के बजाय एक साथ मिल कर काम करने की जरूरत है. अनेबल इंडिया की ट्रेनर मंजू शर्मा जो खुद दिव्यांग भी है, ने कहा कि टाटा स्टील और अनेबल इंडिया दिव्यांगों के लिए के साथ मिल कर काम करने का प्रयास कर रही है, ताकि देश के अन्य दिव्यांगों को भी लाभ मिल सकें, इसी दिशा में सबल सेंटर को और भी सबल बनाने का प्रयास किया जा रहा है.

साथ ही मौके पर उपस्थित फाउंडर नेबल इंडिया के शांति राघवन ने अपने अनुभव को साझा करते हुए कहा कि क्षमता की परिभाषा हमेशा बदल रही है। एक के लिए जो सामान्य है दूसरे के लिए वह मुश्किल हो सकता है। हमें अपनी समझ में संवेदनशील समावेशी और तर्क संगत होने की आवश्यकता है. टाटा स्टील ने एक मंच तैयार करने में उल्लेखनीय कार्य किया है. जहां से दिव्यांग विश्वास की लंबी छलांग लगा सकते हैं. वहीं भारत के प्रथम दृष्टि बाधित भारतीय प्रशासनिक सेवा आईएएस अधिकारी राजेश सिंह ने कहा टाटा स्टील की यह एक अद्भुत पहल है और भविष्य के लिए मैं इसे अपनी शुभकामनाएं देता हूं. व्यक्ति का विश्वास ही उसकी पहचान बनाता है और सबल सहयोग् जैसी पहल कदमियों से टाटा स्टील वास्तव में अधिक से अधिक दिव्यांगों को यह विश्वास दिलाने के लिए प्रोत्साहित कर रही है कि वे कर सकते है.

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