चाईबासा : भारत बंद का मिला जुला रहा असर, नहीं चली लंबी दूरी के बसें, दुकाने रही बंद
संतोष वर्मा
चाईबासा में सोमवार को पेट्रोल-डीजल के कीमत में हुई बढ़ोतरी को लेकर कांग्रेस के भारत बंद का पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा, चक्रधरपुर व जगन्नाथपुर सहित शहरी और ग्रामीण इलाकों में मिला-जुला असर रहा. दुकानें और बाजार तोड-फोड के भय से सुबह से नहीं खुले. सडकों पर भी वाहन और लंबी दूरी की बसें नुकसान होने के भय से नहीं चले. हालांकि चाईबासा,चक्रधरपुर जगन्नाथपुर सहित इलाकों में बडी संख्या में पुलिस जवान तैनात रहे, जो जबरन बंद कराने वाले समर्थकों के खिलाफ कडी कार्रवाई करने या गिरफ्तार करने के लिए मौजूद थे. पुलिस की मुस्तैदी और कडे रूख को देख कर कांग्रेस के बडे छोटे नेता और कार्यकर्ता नहीं दिखायी दिए. वहीं कांग्रेस के बंद को समर्थन देने वाली झामुमो सहित अन्य दल के नेता और कार्यकर्ता भी नहीं दिखाई दियें.
गौरतलब है कि एक माह पूर्व झामुमो के चक्रधरपुर विधायक शशिभूषण सामड को जबरन बंद कराने के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था जो अब भी चाईबासा जेल में बंद है. कांग्रेस और विपक्ष के नेताओं को आज भी यहीं भय सता रहा है, इसलिए कांग्रेस के नेता कार्यकर्ता बंद के समर्थन में सडकों पर नहीं दिखे. इधर बंद को देखते हुए शहर के सभी पेट्रोल पंप बंद रहेें. जिसके कारण लोगों को परेशानियो का सामना करना पड़ा. वहीं चाईबासा से रांची, चक्रधरपुर, बोकारो, किरीबुरू, गुवा,जगनन्नाथपुर, मझगांव आदी लंबी दुरी की बसे नहीं चलने के कारण राहगिरों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ा.
इधर, बंद को लेकर जिला मुख्यालय के शहरी क्षेत्र में बंद समर्थक नहीं दिखे लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में बंद समर्थक जगह जगह भावी रहे और कहीं मोटरसाईकिल रैली निकाल कर बंद कराया गया तो कहीं घुम घुम कर दुकाने बंद कराई गई. दुसरी ओर जगन्नाथपुर अनुमंडल के प्रखंण्ड मुख्यालय में दुकानदार अपनी सहमती से बंद रखे और शैक्षणिंक संस्थान खुला रहा. वहीं जिला मुख्यालय में बंद कराने निकाली कांग्रेस की महिला नेत्री सत्र पूर्व नपअध्यक्षा निला नाग सहित बंद समर्थकों को पुलिस पकड़ी. जबकि मझगांव प्रखंड़ में 17 बंद समर्थकों ने गिरफ्तारी दी. इधर जगन्नाथपुर अनुमंडलाधिकारी स्मृता कुमारी व एसडीपीओ प्रभात रंजन तथा कार्यपालक दण्डाधिकारी सुषमा लकड़ा भी अपने मुख्यालय में मुस्तैद थे.
इस बंद से निपटने के लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रबंधन द्वारा भी पुर्ण रूप से कमर कस कर तैयारी कर रखा गया था. साथ ही राज्य के सभी जिले में बंद को लेकर हाई अलर्ट किया गया था. बंद को देखते हुए पश्चिमी सिंहभूम जिला में बंद समर्थको से निपटने के लिए कई दिशा निर्देश भी जारी की गई थी. इधर चाईबासा पुलिस व जिला प्रशासन द्वारा जिले के विभिन्न प्रखंण्ड व थाना क्षेत्र के थाना प्रभारियों को दिशा निर्देश जारी कर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था बहाल करने का निर्देश दिया गया था. दिशा निर्देश मिलने के बाद सभी थाना प्रभारी अपने अपने क्षेत्र में बंद के दौरान उपद्रव मचाने वाले पार्टी समर्थक सदस्यों की पहचान कर सभी लोगों की सूची बनाते हुए 107 के तहत मामला दर्ज किया गया था. साथ ही गिरफ्तारी का भी आदेश जारी किया गया था. चाईबासा सदर अनुमंडल के जिला मुख्यालय में बंद समर्थकों से निपटने के लिए तीन सौ जवानों की विशेष प्रतिनियुक्ती की गई थी. जबकि पुलिस द्वारा जिला मुख्यालय चाईबासा में 13 अति संवेदनशील स्थानों का भी चिन्हित किया गया था. जिस पर सुरक्षा बल के साथ साथ सभी जगह दण्डाधिकारी भी मौजूद थे. वहीं जिला मुख्यालय के सदर अनुमंडल में सदर थाना व मुफस्सिल थाना क्षेत्र में कुल 120 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध 107 लगाया गया थाऔर मंझारी, तांतनगर व झीकपानी थाना क्षेत्रों को मिलाकर करीब 120 लोगों के बिरूद्व 107 लगाया गया है. वहीं जगन्नाथपुर थाना में 15 कार्यकर्ताओं के विरुद्ध 107 दर्ज की गई है.
इस सबंध में सदर अनुमंडल के पुलिस उपाधीक्षक अमरकांत पाण्डेय ने बताया की बंद समर्थकों से निपटने के लिए पुरी तैयारी कर ली गई है. सभी जगह फोर्स व दण्डाधिकारी प्रतिनियक्त किया गया था. बंद के दौरान किसी तरह का तोड़ फोड़ या फिर वाहनों के परिचालन को अवरूद्व करते है या नुकसान पहुंचाते है पुलिस सख्ती से निपटेने को तैयार थी. साथ ही बंद समर्थकों से निपटने के लिए चाईबासा पुलिस के द्वारा मॉक ड्रील के साथ साथ पैदल मार्च भी किया गया.
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