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चाईबासा : 14 वर्ष का वनवास तोड़ेगी कांग्रेस या फिर दुसरी बार खिलेगा कमल

संतोष वर्मा

झारखंड में आसन्न लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महागठबंधन में रहते हुए राज्य की कुल सात सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की है. इन सात सीटों में रांची, धनबाद, हजारीबाग, सिंहभूम, खूंटी, चतरा और लोहरदगा संसदीय क्षेत्र शामिल हैं. सिंहभूम सीट पर चुनाव में इस बार का मुकाबला काफी दिलचस्प माना जा रहा है. जहां कांग्रेस जानती है कि महागठबंधन में रहते हुए इस बार के लोकसभा चुनाव में पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा चाईबासा सीट पर ही होगा.

इस संसदीय सीट पर जगन्नाथपुर विधायक गीता कोड़ा को प्रत्याशी बना कर पार्टी अपनी जीत सुनिश्चित करना चाहेगी. पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी और जय भारत समानता पार्टी से विधायक बनीं गीता कोड़ा हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुई थीं. वहीं इस बार गीता कोड़ा कांग्रेस की सदस्यता ग्रहरण कर सिंहभूम सीट से संभावित प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने की तैयारी में है. हालांकि गीता कोड़ा की छवि साफ सुथरी है और क्षेत्र में किये काम के बदौलत जनता के पास अपने पक्ष में मेहनताना मांगेगी.

वहीं महागठबंधन में शामिल होने से कांग्रेस को इस बार जेएमएम और जेवीएम का भी समर्थन हासिल है. हालांकि जेएमएम विधायकों के विरोध को देख कांग्रेस के लिए यह राह आसान भी नहीं है. लेकिन जब महागठबंधन में शामिल है और राज्य में झामुमो की सरकार बनानी है तो वैसी स्थिति में वेक्ति से बढ़ा पार्टी हो जाती है. इससे पहले कांग्रेस ने इस सीट पर 2004 में अंतिम बार चुनाव जीता था. दूसरी और भाजपा ने प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा पर विश्वास जताते हुए एक बार उन्हें यहां से प्रत्याशी बनाया है.

ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि महागठबंधन के सहयोगी दलों और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के समर्थन से कांग्रेस क्या इसबार सिंहभूम संसदीय सीट पर अपने 14 वर्ष के वनवास को खत्म करने में सफल हो पाएगी. या एक बार फिर यहां भाजपा का कमल लहरायेगा.

भाजपा ने झोंकी ताकत

कोल्हान क्षेत्र में कांग्रेस की संभावित प्रत्याशी गीता कोड़ा और भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा के बीच का मुकबला कई कारणों से दमदार माना जा रहा है. एक तरफ प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मण गिलुवा के लिए पार्टी ने यहां पूरी ताकत झोंक दी है. वहीं कांग्रेस चाहती है कि प्रदेश अध्यक्ष डॉ अजय के नेतृत्व में पार्टी 14 साल के बाद एक बाऱ फिर चाईबासा संसदीय क्षेत्र में चुनाव जीते. सिंहभूम में फिर से अपना वजूद तलाश रही कांग्रेस इस बार विधायक गीता कोड़ा के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाह रही है. सिंहभूम सीट पर कांग्रेस ने अब तक कुल 4 (1984, 1989, 1998 और 2004 में) बार चुनाव जीत दर्ज की है. जबकि भाजपा को कुल तीन बार जीत मिली है.

2014 के चुनावी मत को देखने से भी कांग्रेस का पलड़ा है भारी

बात अगर 2014 के लोकसभा चुनाव में मिले मतों की करें, तो इससे भी कांग्रेस का पलड़ा भारी दिख रहा है. इस चुनाव में मोदी लहर के दौरान भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण गिलुवा को कुल 303,131 मत मिले थे. वहीं दूसरे स्थान पर रही जयभारत समानता पार्टी प्रत्याशी गीता कोड़ा (अब कांग्रेस में विलय) को 215,607 मत मिले थे. तीसरे स्थान पर रही कांग्रेस के चितरंजन किस्कू को (कुल 111,796 मत) और झाविमो प्रत्याशी दशरथ गंगरई (कुल 35,681 मत) चौथे स्थान पर थे. अगर महागठबंधन में शामिल दलों के मतों को मिला दें, तो कांग्रेस की संभावित प्रत्याशी गीता कोड़ा को कुल 3,63,084 मत मिलते दिखता है, जो कि भाजपा प्रत्याशी से करीब 60,000 वोट ज्यादा है.

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