सीवान : शराबबंदी में उत्तर प्रदेश का नहीं मिल रहा पूर्ण सहयोग, यूपी से लगातार हो रही है शराब की तस्करी
शंकर ठाकुर
बिहार सरकार द्वारा राज्य में लागू किए गए पूर्ण शराबबंदी के कार्यान्वयन में उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश की सीमांत प्रशासन का पूर्णत: सहयोग नहीं मिल पा रहा है. जिस कारण यूपी से लगातार बिहार के सीवान जिले में शराब की तस्करी हो रही है और इस बात का प्रमाण है सीवान जिला पुलिस और मद्य निषेध विभाग द्वारा रोजाना यूपी एक्साइज की शराब के साथ शराब तस्करों का पकड़ा जाना.
बता दें कि सीवान जिला के मैरवा, दरौली, गुठनी, नौतन व रघुनाथपुर थाना क्षेत्र यूपी से सटे सीमांत परिवहन मार्ग से लगातार सैकड़ों हजारों लीटर देसी-विदेशी शराब अवैध रूप से बिहार में भेजे जा रहे हैं. एक तरफ जहां बिहार सरकार शराबबंदी को लेकर अपनी पूरी ताकत लगाए बैठी है. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती क्षेत्रों के नदी की छारन व दियारा परिक्षेत्रों में आज भी खुलेआम बडे पैमाने पर देशी शराब का उत्पादन व तस्करी का धंधा फलफूल रहा है और इसका फलाफल भोग रही है बिहार की पुलिस प्रशासन. यहाँ तक कि बिहार की सीमावर्ती क्षेत्र के गुठनी के ग्यासपुर, तीरबलुआ, दरौली के डुमरहर खुर्द, डुमरहर बुजुर्ग, केवटलीया, अमरपुर-दरौली, तियर, कशिला पचवेनीया, रघुनाथपुर व सिसवन-ग्यासपुर से सटे सरयु (घघरा) नदी के यूपी स्थित दियारा क्षेत्रों में आज भी खुलेआम शराब के अवैध निर्माण कार्य चल रहे हैं. जिसके सभी साक्ष्यों के बाद भी बिहार की प्रशासन सीमा विवाद से बचने के लिए अपनी विवशता को ले अपने को लाचार बता रही है.
वहीं इसका लाभ उठाकर यूपी के सीमावर्ती क्षेत्रों की पुलिस व उत्पाद विभाग के पदाधिकारी, स्थानीय प्रशासन के मौन स्वीकृति पर इस अमानवीय व मानव जीवन में जहर घोलने वाले व्यवसाय को अंजाम दिया जा रहा है जो बिहार पुलिस, उत्पाद विभाग व स्थानीय प्रशासन के लिए सरदर्द बना हुआ है. जबकि यह सर्वविदित है कि उतरप्रदेश सरकार के सीमावर्ती जिला के प्रशासनिक सहयोग के अभाव में बिहार में पुर्ण शराबबंदी तो दूर इसकी कल्पना करना भी एक दिवास्वप्न की भांति अनसुलझे पहेली जैसी मिथ्या भ्रम पैदा करने वाली है.
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