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सीवान : समग्र शिक्षा अभियान के तहत माध्यमिक हिंदी शिक्षकों को दिया गया प्रशिक्षण

चमन श्रीवास्तव

सीवान के डायट भवन में शुक्रवार को चौथे दिन माध्यमिक हिन्दी शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया गया. द्वितीय एवं अंतिम चरण के इस प्रशिक्षण में 34 प्रतिभागियों ने भाग लिया. प्रशिक्षण के क्रम में गद्य का अध्ययन-अध्यापन, संदर्भ सहित व्याकरण शिक्षण एवं हिंदी शिक्षण में जनसंचार माध्यमों का उपयोग आदि विषयों पर परिचर्चा की गई.

प्रथम सत्र में गद्य की अवधारणा पर प्रकाश डालते हुए प्रशिक्षक त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी बताया कि आज का युग विज्ञान और बुद्धि का है. वैज्ञानिक आविष्कारों-प्रेस आदि के बाहुल्य के कारण गद्य के माध्यम से जन-साधारण तक विचारों का पहुँचना सफल हो गया है. आज कल्पना और भावुकता का स्थान बुद्धि और तर्क ने ले लिया है. परिणामत: गद्य का अधिकाधिक प्रचार हुआ. उन्होंने बताया कि भारतीय गद्य संग्राम की भाषा रही है. गद्य की महत्ता का वर्णन करते हुए उन्होंने बताया कि गद्य कवियों की कसौटी है. इससे गद्यकारों की पहचान होती है.

तृतीय सत्र में सामूहिक परिचर्चा के दौरान राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 का हवाला देते हुए त्रिलोकीनाथ चतुर्वेदी ने बताया कि भाषा तब सीखी जाती है जब वह भाषा के रुप में नहीं पढ़ाई जाती बल्कि सार्थक संदर्भों के जोड़कर उसे पढ़ाया जाता हैं. प्रशिक्षक राजीव कुमार आनंद, राघवजी राय ने भी गद्य के विभिन्न गद्य के विभिन्न गतिविधियों पर परिचर्चा किया.

मौके पर व्याख्याता हृदयानंद सिंह, अरविंद कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह सहित 34 हिंदी प्रशिक्षु शिक्षक-शिक्षिकाएं मौजूद थे.

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