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सीवान : यहां दो रुपये की शौच के लिए देने पड़ते हैं 10 रुपये…

अभिषेक श्रीवास्तव

https://youtu.be/biRXroBDTIQ

केंद्र से लेकर राज्य सरकार तक सूबे में सुशासन का लाख दावा करें लेकिन राज्य में भ्रष्टाचार इस कदर व्याप्त है कि सरकारी बाबुओं के कार्यालयों से लेकर अब वह शौचालय तक पहुंच गया है.

जी हां, सुनने और पढ़ने में आपको ये बातें अटपटी सी लग रही होगी. लेकिन ये हकीकत है सीवान रेलवे जंक्शन पर बने पे एन्ड यूज शौचालय की. स्टेशन परिसर में जंक्शन के ठीक सामने बने इस पे एन्ड यूज शौचालय को रेल यात्रियों और आम नागरिकों के मल-मूत्र उत्सर्जन में सुविधा हेतु बनाया गया है, जिसके लिए एक मामूली शुल्क निर्धारित किया गया है. लेकिन जानकर आश्चर्य होगा कि शौचालय में शौच के लिए निर्धारित वास्तविक राशि का प्रति व्यक्ति पांच गुना रकम लिया जाता है. अब चुकी शौच ऐसी चीज है जिसपर काबू करना किसी के वश की बात नहीं, लिहाजा जरूरतमंद लोग तय रकम से पांच गुना राशि अदा कर खुद को हल्का करते हैं.

बता दें कि इस शौचालय के लिए निर्धारित शुल्क मात्र दो रुपए प्रति व्यक्ति निर्धारित है. लेकिन दो रुपये की जगह यहां प्रति व्यक्ति 10 रुपया लिया जाता है. www.abhibharat.com की टीम ने जब इसकी पड़ताल की तो मामले का खुलासा हुआ. शौचालय में रोजाना आने वाले एक दैनिक रेल यात्री ने स्पष्ट रूप से बताया कि उसे प्रति दिन शौच जाने के लिए 10 रुपये अदा करने पड़ते हैं. वहीं जब हमने शौचालय प्रबंधक से बात की तो उसने अपनी अनभिज्ञता जाहिर करते हुए यह कहा कि इसकी जगह कोई और रुपये ले लिया होगा. शुल्क 2 रुपया ही है. हालांकि हमने एक नहीं कई लोगों से इसकी पुष्टि की और सबने 10 रुपये लिए जाने की ही बाते कहीं.

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर बिहार की मुखिया नीतीश कुमार स्वच्छ भारत की वकालत करते हैं. गांवो और पंचायतों को खुले में शौच से मुक्त करने का अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन सार्वजनिक स्थलों पर किसी को शौच की समस्या से निपटने के लिए कोई व्यवस्था कहीं नहीं की गयी है. सीवान शहर में कुछ वर्षों पूर्व नगर परिषद द्वारा जगह-जगह फाइबर के कुछ यूरिनल डब्बे खड़े किए गए, लेकिन उनका उद्घाटन तक नहीं हुआ और वे नगर परिषद के घोटाले की भेंट चढ़ गए. ऐसे में स्वच्छ भारत मिशन की योजना कहाँ तक सफल होगी, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है.

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