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सीवान : बिहार की शिक्षा नीति से महाराजगंज में माध्यमिक शिक्षा व्यवस्था आईसीयू में

शाहिल कुमार

सीवान जिले के महाराजगंज में शिक्षको की कमी से शिक्षा व्यवस्था चौपट हो गयी है. वहीं शिक्षकों की कमी के कारण बच्चो की पढ़ाई लिखाई प्रभावित हो रही हैं. इसका उदहारण है अपग्रेड किये गए राज्य के उत्क्रमित मध्य विद्यालय. इन विद्यालयों को अपग्रेड तो कर दिया गया लेकिन इन विद्यालयों में शिक्षकों की नियुक्ति और भवन की व्यवस्था नहीं की गई.

शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार 2009 से मध्य विद्यालय को अपग्रेड करने की प्रक्रिया शुरु हुई. जिसमें महाराजगंज के हर पंचायत में मध्य विद्यालय को अपग्रेड कर 10+2 कर दिया गया. वही अपग्रेड विद्यालयों मे शिक्षको के साथ भवन की कमी है. जिसमें शिक्षक है भी तो भवन नही है।और तो और मध्य विद्यालय हाई स्कूल और हाई स्कूल के शिक्षक 10+2 के विधार्थियों को पढा रहे है. कईयो मे स्टूडेंट है तो शिक्षक नही. वहीं महाराजगंज में उच्य विद्यालय पटेढ़ी, उच्य विद्यालय सिकटीय, स्वामी कर्मदेव यमुना राम उच्च विद्यालय महराजगंज, सिहौता बंगरा हाई स्कूल महराजगंज, वीणा मिश्रा वालिका प्रोजेक्ट विधालय कर्णपुरा अफराद, राहुल उच्य विद्यालय कर्णपुरा, उत्क्रमित माध्यमिक उच्च विद्यालय रतनपुरा, उमाशंकर प्रसाद उच्य विद्यालय महाराजगंज, महत्मा गाँधी उच्य विद्यालय गौर शामिल है.

इन सभी को 10+2 में अपग्रेड किया गया है. अपग्रेड किए गए उमाशंकर प्रसाद उच्च विद्यालय महाराजगंज को अभी तक कोड भी आवंटन नहीं हुआ है. वही ऐसी ही हाल उच्च विद्यालय पटेढी का है जिसे 10+2 में अपग्रेड तो हुआ पर इसमें भवन नहीं हैं न स्टूडेंन्ट का नामांकन हुआ है जिसमें 6 शिक्षकों की नियुक्ति हुई है. राज्य की कुल 8391 पंचायतों में 5822 मध्य विद्यालयों को ही उच्च माध्यमिक में अपग्रेड किया गया लेकिन 5822 उत्क्रमित उच्च मध्य विद्यालयों में महज 3372 ही शिक्षक कार्यरत है. अपग्रेड स्कूल में शिक्षको की कमी व भवन की घोर कमी के चलते बच्चों पर पढ़ाई पर काफी बुरा प्रभाव पर रहा है, क्या यही बिहार सरकार में नीतीश कुमार की शिक्षा नीति है.

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