सीवान : सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक में अब लगेगी रामायण की कुर्सी, चेयरमैन के पद से मनोज सिंह हुए बेदखल
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान से बड़ी खबर है. जहाँ लगातार दो टर्म से को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन की सीट पर कब्ज़ा जमाने वाले पूर्व विधान पार्षद और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के जिलाध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की बादशाहत खत्म हो गयी है. गुरूवार को हुए दी सीवान सेन्ट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन पद के चुनाव में युवा नेता व कारोबारी रामायण चौधरी ने मनोज सिंह को तीन दर्जन मतों से परास्त कर को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन की सीट पर अपना कब्जा जमा लिया.
बता दें कि गुरूवार को को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन पद के लिए शहर के टाउन हॉल में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की बीच मतदान हुआ. कुल 365 मतों में से 342 वैद्य मत पड़े. जिनमे 36 मतों के अंतर से बढ़त बनाते हुए रामायण चौधरी ने जीत हासिल कर ली. चुनाव में जीत होने के बाद जहाँ रामायण चौधरी और उनके समर्थको के बीच ख़ुशी की लहर दौड़ गयी. वहीं अप्रत्याशित हर के बाद मनोज सिंह समेत उनके समर्थकों और कार्यकर्त्ताओं व कर्मचारियों में भाति निराशा और दुःख देखने को मिल रहा है.
वहीं सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक मनोज सिंह की इस हार के पीछे लोग उनके बड़बोलेपन और घमंड को मुख्य वजह बता रहे हैं. सूत्रों से आ रही खबर के अनुसार, लोगों के बीच ऐसी चर्चा है कि एक सवर्ण जाति समुदाय के लोगों ने मनोज सिंह के बड़बोलेपन से नाराज होकर उनका बहिष्कार कर दिया. वहीं कुछ लोग जातीय समीकरण पर रामायण चौधरी को हर तरफ से मदद मिलने की बाते कह रहे हैं. इस बीच विजयी रामायण चौधरी और उनके समर्थक प्रिंस उपाध्याय ने कहा कि सबसे पहले को-ऑपरेटिव बैंक में किसानो की फसल बीमा में हुए व्यापक घोटाले की जांच कराई जायेगी.
गौरतलब है कि मनोज सिंह के ऊपर चुनाव के ठीक एक दिन पहले रामायण चौधरी के समर्थक और युवा नेता प्रिंस उपाध्याय ने फोन कर गाली-गलौज, जान से मारने की धमकी देने के साथ साथ एक जाति विशेष के विरुद्ध आपत्तिजनक टिपण्णी किये जाने का आरोप लगाते हुए केस दर्ज कराया था. वहीं मनोज सिंह के उस आचरण का एक ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. जिसके बाद ऐसी चर्चा है कि यह ऑडियो ही उनके हार का मुख्य कारण बना. साथ ही अब यह भी कयास लगाया जा रहा है कि उक्त ऑडियो मामले में पार्टी द्वारा भी उनपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है.
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