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सीवान : शिक्षा समिति के सामुदायिक प्रतिनिधियों का गैर आवासीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण संपन्न

चमन श्रीवास्तव

सीवान में बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा संचालित विद्यालय शिक्षा समिति के सामुदायिक प्रतिनिधियों का द्वितीय बैच का गैर आवासीय तीन दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को सम्पन्न हो गया. यह प्रशिक्षण गुरुवार से जीरादेई सहित मैरवा, दरौली व गुठनी प्रखंडों में संकुलाधीन गुरुवार से चलायमान था. जीरादेई प्रखंड के अंतर्गत बलईपुर संकुल के अधीनस्थ उमवि नन्दपाली के प्रशिक्षण प्रभारी व संकुल समन्वयक प्रकाश कुमार और बतौर प्रशिक्षक अजय कुमार व अशोक प्रभाकर ने प्रतिभागियों को “लोक संवाद मॉड्यूल” व “मेरे सपनों का विद्यालय” फिल्म शो के माध्यम से विधिवत प्रशिक्षण देकर विद्यालय विकास में सहयोग करने की अपील की.

प्रशिक्षण प्रभारी प्रकाश कुमार ने बताया कि सामुदायिक प्रतिनिधियों के सहयोग से ही विद्यालय का स्वर्णिम व उत्तरोत्तर विकास संभव हैं. इस प्रशिक्षण के तहत प्रतिभागियों को विद्यालय विकास के प्रति सक्रिय व जिम्मेदार बनाना हैं. उन्होंने बताया कि प्रधानाध्यापक, शिक्षक, अभिभावक व समिति के सदस्य अपने सभी अधिकार व कर्तव्यों का पालन कर राष्ट्र व विद्यालय हित में अहम भूमिका निभा सकते हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रशिक्षण नौनिहालों के भविष्य की चुनौतियों को दूर करने में सहायक सिद्ध होगा. वहीं प्रशिक्षक अशोक कुमार ने बताया कि प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य विद्यालय के सम्पूर्ण विकास में सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना हैं. जिसमें शत-प्रतिशत नामांकन एवं ठहराव, शिक्षकों की उपस्थिति एवं समस्या निराकरण, गुणवत्तापूर्ण भोजन, विद्यालय की सफाई एवं साज सज्जा, किचन गार्डन, स्कूल स्कोर कार्ड, बाल संसद व मीना मंच की सहभागिता, बच्चों की शैक्षिक गुणवत्ता के अलावा समय समय पर विद्यालय में होने वाली बैठकों में भागीदारी कर शिक्षकों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालय विकास करना है. नौनिहालों के भविष्य की चुनौतियों को दूर करने के लिए समिति के सदस्य काफी योगदान दे सकते हैं. अशोक प्रभाकर ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, आपदा प्रबंधन व विद्यालय विकास अनुदान के बारे में समीक्षात्मक चर्चा की. अशोक प्रभाकर ने बताया कि विद्यालयों में अप्रैल से सितंबर तक न्यूनतम 75% उपस्थिति दर्ज करने वाले विद्यार्थियों को वर्ग एक-दो के छात्र-छात्राओं को 400, कक्षा 3 से 5 के बच्चों के लिए 500 और वर्ग 6 से 8 के बच्चों के लिए 700 की दर से पोशाक राशि आवंटित की जाती हैं. कक्षा एक से चार के छात्र-छात्राओं को 50 रुपये प्रति महीने के दर पर सालाना 600 रुपये, कक्षा पांच-छह के बच्चों के लिए 100 रुपये महीने की दर से 1200 रुपये सलाना और वर्ग सात-आठ के बच्चों को 150 रुपये महीने की दर से सलाना 1800 रुपये दिये जाते हैं. बच्चों को पोष्टिक व भरपेट भोजन दिया जाना चाहिए. जिसमें विभाग द्वारा कक्षा 1 से 5 के छात्र-छात्राओं के लिए 100 ग्राम चावल , 12 ग्राम प्रोटीन व कैलोरी माइक्रोन्यूट्रींस 450+ विटामिन और कक्षा 6 से 8 तक के बच्चों के लिए 150 ग्राम  चावल, 20 ग्राम प्रोटीन व कैलोरी माइक्रोन्यूट्रींस 700+ विटामिन  बच्चों को देने की मात्रा तय की गई हैं. पौष्टिक भोजन के अंतर्गत बच्चों को चावल, दाल, सब्जी छोला/ राजमा, पुलाव ,आलू, सोयाबीन की सब्जी, खीचड़ी- चोखा, कढ़ी, पुलाव आदि दैनिक मीनू के अनुसार देना हैं। वर्तमान में शुक्रवार को विद्यालयों में अंडा भी दिया जा रहा है. विभाग द्वारा मध्याह्न भोजन के लिए से कक्षा 1 से 5 तब के छात्र-छात्राओं  के लिए 4.13 रुपए व वर्ग 6 से 8 तक के बच्चों के लिए 6.18 रुपए प्रति छात्र के हिसाब से राशि मिलता है. तीन वर्ष से पुराने भवन वाले सभी प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों की मरम्मत एवं रखरखाव हेतु 7500 रुपया प्रति विद्यालय की दर से बजट की राशि में प्रावधानित है. नियमानुसार 3 वर्ग कक्ष वाले विद्यालयों को 5000 व 3 से अधिक वर्ग कक्ष वाले विद्यालयों को 10 हजार तक की राशि निर्गत की जाती हैं. शिक्षण को रुचिकर बनाने हेतु शिक्षण अधिगम सामग्री की सहायता से बच्चों को पठन-पाठन में मदद मिलती है जिसके निर्माण के लिए प्रति शिक्षक पांच सौ रुपये की दर से अनुदान के रूप में राशि प्रदान की जाती है.

अंततः प्रतिभागियों से फीडबैक लेते हुए “हम होंगे कामयाब” गीत के साथ प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ. प्रशिक्षण को सफल बनाने में रितेश सिंह, अमित कुमार सिंह, रामाशंकर बैठा, संतोष कुमार राम, संतोष ठाकुर, रामजी यादव, रमेश कुमार यादव, धर्मेंद्र कुमार आदि ने मुख्य भूमिका निभाई.

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