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सीवान : राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गय्यूर उल हसन रिजवी ने वोट बैंक के लिए विपक्ष पर मुसलमानों को दिग्भ्रमित करने का लगाया आरोप

अभिषेक श्रीवास्तव

सीवान में सोमवार को राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष सैयद गय्यूर-उल-हसन रिजवी ने प्रेसवार्ता कर जहां भारतीय जनता पार्टी की जमकर तारीफ की वहीं विपक्ष पर जमकर निशाना साधा.

सीवान परिसदन में आयोजित इस प्रेस वार्त्ता में सैयद गय्यूर उल हैं रिजवी ने कहा कि अल्पसंख्यक के अंतर्गत छ: समुदायों को रखा गया है जिसमे मुस्लिम, जैन, बुद्धिष्ट, ईसाई, सिख और पारसी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि इन छः समुदायों में मुस्लिम को छोड़कर अन्य सभी समुदाय अल्पसंख्यक होने के बावजूद काफी विकसित हैं. इसका मुख्य कारण है आजादी के बाद देश पर 48 वर्षो तक शासन करने वाली पार्टी के द्वारा वोट बैंक  की राजनीति करना. उन्होंने कहा कि जानबूझकर मुसलमानों को निर्रथक और बिना मतलब की बातों में उलझाकर उन्हें दिग्भ्रमित किया गया और अभी भी करने का प्रयास जारी है जबकि भारतीय जनता पार्टी इससे इतर हमेशा से उनके विकास और हित के लिए काम करते आयी है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद पहली बार बीजेपी सरकार ने ही अल्पसंख्यको के लिए बड़ा बजट देने का काम किया. वहीं उन्होंने तीन तलाक के बिल को जायज बताते हुए कहा कि इस का विरोध करने वाले असल मे इस्लाम विरोधी हैं. उन्होंने कहा कि आज मुसलमान तेजी से शिक्षित हो रहे हैं. स्वरोजगार की ओर कदम बढ़ा चुका है. वर्तमान में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की एनडीए सरकार ने मुसलमानों के विकास के लिए आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा बजट दिया है.

वहीं जम्मू कश्मीर के आसिफा मामले पर उन्होंने  मीडिया पर भी हमला करते हुए कहा कि रेप पीड़िता की पहचान उजागर कर मीडिया ने गलत किया है. पीड़ित कभी हिंदू मुसलमान नहीं हो सकती हमारी संवेदनाएं उनके साथ हैं. वहीं उन्होंने साफ तौर पर अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण का विरोध किया और कहा कि आरक्षण जातीय आधार पर है आर्थिक आधार पर नहीं और अल्पसंख्यकों को आर्थिक स्थिति आरक्षण के लिए नहीं है. सभी अल्पसंख्यक आर्थिक स्थिति में अच्छे हैं.

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