सीवान : महाराजगंज अनुमंडल में सिविल कोर्ट की मांग की लेकर वकीलों ने दिया धरना
शाहिल कुमार
सीवान के महराजगंज अनुमंडल मुख्यालय में व्यवहार न्यायालय की स्थापना की मांग को लेकर शुक्रवार को अनुमंडल कार्यालय परिसर के मुख्य गेट पर अनुमंडल के अधिवक्ताओं ने धरना प्रदर्शन कर विरोध जताया.
अधिवक्ताओं ने अनुमंडल अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मुंशी सिंह व सचिव दिनेश सिंह के नेतृत्व में अनुमंडल कार्यालय परिसर में न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर सुबह से हीं धरना-प्रदर्शन पर बैठ गए. व्यवहार न्यायालय का उदघाटन नहीं होने से अधिवक्ताओं ने सरकार व प्रशासन के खिलाफ जमकर विरोध जताया. अनुमंडल अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष मुंशी सिंह ने कहा कि इस अनुमंडल के स्थापना हुए 27 वर्ष हो गया परंतु आज तक व्यवहार न्यायालय की स्थापना न हो पाना दुर्भाग्यपुर्ण है. उन्होंने बताया कि व्यवहार न्यायालय की स्थापना हो चुका है. न्यायालय हेतु भवन उपसंस्करण और कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति होने के बावजूद भी व्यवहार न्यायालय का उदघाटन नहीं होना यहां की जनता के प्रति राज्य सरकार का सौतेला व्यवहार उजागर हो रहा हैं.
वहीं उन्होंने बताया कि व्यवहार न्यायालय के उदघाटन के लिए अधिवक्ता संघ की यह लड़ाई अब आर-पार की होगी जो महाराजगंज व्यवहार न्यायालय की स्थापना होने तक अनवरत जारी रहेगी. अधिवक्ता संघ के सचिव दिनेश कुमार सिंह ने कहा कि व्यवहार न्यायालय के लिए अब अधिवक्ता संघ का आंदोलन चरणवध्द रूप से चलता रहेगा. अबकी लड़ाई निर्णायक होगी पिछले आंदोलन में आंदोलनरत अधिवक्ताओं को सामने यहाँ आकर डीजे के अस्वासन के बाद स्थगित किया था जो अबकि आंदोलन में कोई आश्वासन नहीं चलेगा. इस बार व्यवहार न्यायालय की स्थापना हुए बिना कोई समझौता नहीं होने की बात कहें.
बताते चलें कि इस अनुमंडल की स्थापना हुए 27 वर्ष पूर्व 1 अप्रैल 1991 को तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव के द्वारा किया गया था. अनुमंडल के स्थापना के बाद से ही व्यवहार न्यायालय की स्थापना की माँग होती आ रही है जिसकी स्थापना आज तक नहीं हो पाई. व्यवहार न्यायालय के उदघाटन की तिथि कई बार तय हुई जिसको लेकर न्यायालय हेतु भवन उपसंस्करण और कर्मचारी की प्रतिनियुक्ति भी हुई उसके बावजूद भी व्यवहार न्यायालय का उदघाटन नहीं हो पाया. जिसको लेकर अधिवक्ताओं से लेकर अनुमंडल के जनता में आक्रोश है.
धरना प्रदर्शन में अधिवक्ता पीपी रंजन द्विवेदी, अधिवक्ता रश्मि कुमारी अखिलेन्द्र सिंह, करुणाकांत सिंह, रबिन्द्र सिंह, केके सिंह, अनील सिंह, गजेन्द्र सिंह, चितरंजन सिंह, ओमप्रकाश, राजकशोर शर्मा, रविकांत उपाध्याय, मिथलेश कुमार प्रेमकुमार सहित सैकड़ो अधिवक्ता व सांसद प्रतिनिधि मोहन कुमार पदमाकर आदि शामिल थे.
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