सीवान : बड़हरिया में जुलूस निकाल प्रदर्शन के मामले में कांग्रेस नेता रिजवान अहमद पर प्राथमिकी दर्ज
राकेश रंजन गिरी
सीवान के बड़हरिया में गत 19 जुलाई को कांग्रेस नेता रिजवान अहमद द्वारा बड़हरिया-जामो सड़क की बदहाली को लेकर निकाले गए जन आक्रोश मार्च और जुलूस मामले में रिजवान अहमद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है. बड़हरिया थाना में कांड संख्या 230/18 केस को सीवान सदर अनुमंडल पदाधिकारी अमन समीर के निर्देश पर बड़हरिया बीडीओ द्वारा दर्ज कराया गया है. जिसमें रिजवान अहमद के ऊपर बिना प्रशासन की अनुमति लिए प्रखंड में जुलूस निकालकर प्रदर्शन करने और नारेबाजी किए जाने का आरोप लगाया गया है.
बता दें कि गत 19 जुलाई को कांग्रेस नेता रिजवान अहमद ने जामो सड़क की बदहाली को लेकर जन आक्रोश मार्च और जुलूस निकाला था. शांतिपूर्ण तरीके से निकले इस जुलूस के बड़हरिया प्रखंड में पहुंचने पर रिजवान अहमद ने शांति और अहिंसा के प्रतीक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया और उसके बाद बड़हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी को जाकर सड़क की मरम्मती और निर्माण हेतु अपना ज्ञापन दिया. ज्ञापन देने के समय बीडीओ अशोक कुमार ने रिजवान अहमद को बताया कि उन्हें सदर अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई है. जहां रिजवान अहमद ने बड़हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी को अपना मांग पत्र सौंपा. वहीं बड़हरिया प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उन्हें अनुमति नहीं मिलने का नोटिस थमाया.
इस संबंध में कांग्रेस नेता रिजवान अहमद का कहना है कि उनके ऊपर स्थानीय जदयू विधायक श्याम बहादुर सिंह पटेल के इशारे पर मुकदमा दर्ज किया गया है. रिजवान अहमद ने कहा कि उन्होंने अपने निजी स्वार्थ के लिए कोई जुलूस नहीं निकाला था बल्कि आम जनता से लेकर खास वर्ग के लोगों तक के लिए आवागमन के एक मात्र साधन सड़क मार्ग की बदहाली को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से जुलूस निकाल अपना ज्ञापन दिया.
उन्होंने कहा कि उन्होंने जुलूस के एक सप्ताह पूर्व ही स्थानीय प्रशासन से लेकर सदर अनुमंडल पदाधिकारी तक को जुलूस के संबंध में सूचना दी थी. अगर, उन्हें जुलूस की अनुमति नहीं देनी थी तो प्रशासन द्वारा उन्हें पूर्व में इस आशय का नोटिस तामिला करना चाहिए था. जबकि उन्हें लिखिए अथवा मौखिक किसी भी प्रकार की कोई सूचना नहीं दी गई थी और जब वह अपनी मांगों का ज्ञापन देने प्रखंड विकास पदाधिकारी के समक्ष गए तब प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उन्हें अनुमति नहीं मिलने का नोटिस दिया, जो कि कहीं से भी विधि सम्मत नहीं है. उन्होंने स्पष्ट का कहा कि यह सब कुछ विधायक श्याम बहादुर सिंह पटेल के इशारे पर हो रहा है, जिससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ने वाला और जनता के हित के लिए जरूरत पड़ी तो वे अपनी गिरफ्तारी भी देंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है.
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