सीवान : नगर परिषद के 14 पार्षदों ने सभापति और उपसभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का दिया आवेदन
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान से बड़ी खबर है. जहां मैरवा और महाराजगंज नगर पंचायत के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर अविश्वास प्रस्ताव लगने के बाद अब आज शुक्रवार को आखिरकार सीवान नगर परिषद के सभापति और उपसभापति पर भी अविश्वास प्रस्ताव लगाए जाने के लिए कुछ विक्षुब्ध नगर पार्षदों द्वारा आवेदन दिया गया है. www.abhibharat.com को मिले साक्ष्यों के आधार पर बताएं तो सीवान नगर परिषद के 38 पार्षदों में से 14 वार्ड पार्षदों ने हस्ताक्षर कर अविश्वास प्रस्ताव लगाए जाने का आवेदन सीवान जिलपदाधिकारी समेत नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव को दिया है.
बता दें कि एक महिला वार्ड पार्षद के पति के जेपी चौक स्थित जूते की शो रूम में रची गई अविश्वास प्रस्ताव के ताना-बाना के बाद 14 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के आवेदन पर हस्ताक्षर किया. जिनमें मुख्य रूप से वार्ड नंबर 6 की पार्षद प्रियंका देवी, वार्ड नंबर 14 के पार्षद उदय कुमार वर्मा, वार्ड नंबर 31 की पार्षद नजमा खातून, वार्ड नंबर 21 के पार्षद पवन कुमार, वार्ड नंबर 1 की पार्षद मंजू देवी, वार्ड नंबर 24 के पार्षद जावेद, वार्ड नंबर 3 की पार्षद नूर तारा, वार्ड नंबर 30 की पार्षद शहनाज बानो, वार्ड नंबर 28 की पार्षद शायदा खातून, वार्ड नंबर 18 के पार्षद मो परवीन, वार्ड नंबर 35 के पार्षद अमित कुमार सिंह, वार्ड नंबर 8 के पार्षद मंसूर आलम और वार्ड नंबर 12 एवं वार्ड नंबर 22 के पार्षद शामिल है.
उल्लेखनीय है कि सीवान नगर परिषद के अभी वर्तमान में सभापति सीवान के भाजपा जिलाअध्यक्ष मनोज कुमार सिंह के छोटे भाई धनंजय सिंह की पत्नी सिंधु देवी हैं जबकि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के नेता रह चुके बबलू प्रसाद उर्फ बबलू चौराहा उपसभापति हैं. लेकिन जब से इनके कार्यकाल में नगर परिषद का गठन हुआ है तब से सीवान में नगर परिषद की स्थिति काफी बद से बदतर हो गई है. गली मुहल्लों की बात करें तो हर जगह कूड़े कचरे का अंबार लगा रहता है. वहीं शहर की प्रमुख सड़कें भी कूड़े-कचरे के ढेर से पटी हुई हैं. पिछले 2 दिनों से हो रही लगातार बरसात ने सीवान नगर परिषद के सफाई व्यवस्था की कलई खोलकर रख दी है. जबकि सूत्रों की माने तो सीवान जिला मुख्यालय से सुदूर ग्रामीण इलाके में करोड़ो रूपये खर्च कर कचरा फेंकने के लिये जमीन की रजिस्ट्री कराई गई, लेकिन वहां आज तक कचरे को नहीं फेंका गया. सूत्र बताते हैं कि कौड़ियों के भाव वाले जमीन को करोड़ो के मोल में खरीदा गया जिसमे सभापति और उपसभापति से लेकर समर्थक कई पार्षदों की जेबें गरम हुई. लिहाजा, विरोधी और विक्षुब्ध वार्ड पार्षदों ने अब सभापति और उपसभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव लाने का आवेदन दिया है. देखने वाली बात होगी अविश्वास प्रस्ताव के बाद नगर परिषद के सभापति और उपसभापति अपनी कुर्सी बचाने में सफल होते हैं या नहीं.
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