सहरसा : मुरादपुर गांव में जन्माष्टमी के मौके पर एक पखवारे से धोती व जनेऊ पहन नारदी गाने की है प्राचीन परंपरा
गुलशन कुमार
सहरसा के नौहट्टा प्रखंड के मुरादपुर कृष्ण मंदिर में मांगी गई भक्तों की हर मुराद पूरी होती है. इस लिए गांव का नाम भी मुरादपुर रखा गया है. कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर पूरा शहर भक्तिमय माहौल देखने को मिल रहा है. मंदिरों में संस्कृति कार्यक्रम का भी आयोजन किया, जहाँ लोग रात भर कार्यक्रम आनंद लेते रहे.
बता दें कि नौहट्टा प्रखंड के मुरादपुर गांव स्थित श्रीकृष्ण मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी का भव्य आयोजन किया गया है. जहां श्रीकृष्ण के जन्म से एक पखवारे पूर्व से ही ग्रामीणों द्वारा प्रारंपरिक धोती पहन कर एवं जनेऊ धारण कर श्रीकृष्ण के जन्म लेने के लिए लोक गायन नारदी गाकर उनकी स्तुति की जाती है. यह परंपरा 19वीं सदी के पूर्व से चली आ रही. लोक गायन की कला को मुरादपुर के ग्रामीण कलाकारों द्वारा ही पीढ़ी दर पीढ़ी संजोई चली आ रही है.
गांव के ठाकुर लड्डू व नारदी गायकों ने बताया कि नारदी भजन कीर्तन उनकी संस्कृति रही है. जिसमें श्रीकृष्ण को अवतार लेकर आने के लिए गायन व लोक नृत्य के माध्यम से आहवान किया जाता है.
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