पटना : मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड को को लेकर जाप महिला परिषद ने गर्दनीबाग में दिया धरना
अभिषेक श्रीवास्तव
मुजफ्फरपुर बालिका गृह दुष्कर्म मामले में संलिप्तता उजागर होने के उपरांत बिहार सरकार की समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर की अविलंब गिरफ्तारी और मंजू वर्मा की बर्खास्तगी की मांग को लेकर पटना ने शुक्रवार को जन अधिकार पार्टी (लो) की महिला प्रकोष्ठ जन अधिकार महिला परिषद ने कार्यकारी अध्यक्ष ज्योति चंद्रवंशी की अध्यक्षता में धरना स्थल गर्दनीबाग में धरना दिया. इसमें सैकड़ों महिलाएं शामिल थीं.
धरना को संबोधित करते हुए ज्योति चन्द्रवंशी ने कहा कि मंत्री और उनके पति पर कार्रवाई समेत बिहार के तमाम बालिका गृहों की जांच की मांग को लेकर शनिवार चार अगस्त को महिला परिषद राजभवन मार्च करेगी, जिसका नेतृत्व खुद जन अधिकार पार्टी (लो) के राष्ट्रीय संरक्षक सह सांसद पप्पू यादव करेंगे.
वहीं धरना के दौरान महिला नेत्रियों ने संकल्प लिया कि इस पूरे मामले में जब तक दोषियों का सजा नहीं मिल जाती, तब तक महिला पषिद राज्य में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर अनवरत चरणबद्ध संघर्ष करते रहेगी. बाद में ज्योति चंद्रवंशी ने कहा कि विरोधी दल के नेताओं द्वारा मुजफ्फरपुर मामले में जिस तरह से घडि़याली आंसू बहाया जा रहा है, उससे बिहार की महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा नहीं मिलने वाला है. इसलिए कल चार अगस्त को महिला परिषद द्वारा गर्दनीबाग से राजभवन मार्च निकाला जायेगा, जिसमें सांसद पप्पू यादव खुद भी शामिल होंगे.
धरना को महिला नेत्री वंदना भारती, शीतल गुप्ता, कंचन माला, रेणु जायसवाल के साथ-साथ जन अधिकार पार्टी (लो) के प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद, राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह, राघवेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय महासचिव राजेश रंजन पप्पू, अकबर अली परवेज, छात्र उपाध्यक्ष प्रिया राज, शशांक मोनू, मनीष कुमार आदि ने भी संबोधित किया. प्रदेश अध्यक्ष अखलाक अहमद ने अपने संबोधन में कहा कि इस कांड का खुलासा तभी होगा, जब इसमें संलिप्त सफेदपोश लोगों का नाम उजागर होगा.
वहीं इस मौके पर राष्ट्रीय महासचिव सह प्रवक्ता प्रेमचंद सिंह ने कहा कि मुजफ्फरपुर बालिका कांड समेत एनजीओ द्वारा संचालित राज्य के सभी बाल- बालिका गृह, अल्पावास गृह जैसे संस्थानों की जांच हो और एनजीओ का सोशल एडिट हो. तब जाकर ही एनजीओ के काले खेल का पर्दाफाश हो सकेगा. ये एनजीओ समाज कल्याण विभाग द्वारा आवंटित राशि का इस्तेमाल कुकर्मों के लिए करते हैं और बच्चियों को हवस का शिकार बनाते हैं. इसमें इनके सहयोगी और शागिर्द होते हैं अधिकारी और उस इलाके के ताकतवर लोग. इसलिए इन एनजीओ पर नकेल कसने की जरूरत है.
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