पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने की बिहार विकास मिशन के अंतर्गत कृषि रोड मैप की समीक्षा
अभिषेक श्रीवास्तव
पटना में सोमवार को बिहार विकास मिशन के अंतर्गत कृषि रोड मैप एवं राज्य में सुखाड़ की स्थिति की अध्यक्ष शासी निकाय सह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने समीक्षा की. मुख्यमंत्री सचिवालय स्थित संवाद कक्ष में आयोजित हुई इस समीक्षा बैठक में कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री के समक्ष विभिन्न फसलों के उत्पादन एवं संग्रहण, डीजल अनुदान वितरण, कृषि अनुसंधान एवं कृषि शिक्षण संस्थान की सूची, बागवानी मिशन, क्राॅप कटिंग, वर्ष 2008 से लेकर अब तक कृषि रोड मैप अवधि में धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जी, फल आदि के उत्पादन एवं उत्पादकता, बीज विस्थापन दर एवं बीज वितरण की अद्यतन स्थिति के संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया गया.
इसके अतिरिक्त कृषि रोड मैप अवधि में बागवानी मिशन, राज्य के 24 सूखा प्रभावित जिलों के 277 प्रखंडों में डीजल अनुदान, कृषि इनपुट अनुदान (आपदा साहाय्य), तृतीय कृषि रोड मैप अंतर्गत शुरू की गई नई योजनाएं और पहल- जैविक खेती के लिए कृषि इनपुट अनुदान योजना, जैविक कॉरिडोर योजना, किसानों का कौशल प्रशिक्षण इत्यादि के संदर्भ में कृषि विभाग के प्रधान सचिव श्री सुधीर कुमार ने वर्तमान वस्तु स्थिति से मुख्यमंत्री को अवगत कराया.
वहीं कृषि विभाग के प्रस्तुतिकरण को देखने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रधान सचिव कृषि को कई निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि क्राॅप कटिंग के लिये वास्तविक आॅकड़े इकट्ठा करना जरूरी है. किस फसल का उत्पादन कहां होता है, कितनी जगह होती है, यह सब वास्तविक आॅकड़े रहने से कृषि संबंधी योजनाओं को लागू करने में काफी सहुलियत होगी. मुख्यमंत्री को बताया गया कि 19 लाख 38 हजार डीजल अनुदान के लिये आॅनलाइन आवेदन आये थे, उसमें से 15 लाख 66 हजार आवेदकों को राशि स्वीकृत की गयी है. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि बचे हुये 3 लाख 72 हजार आवेदकों को किस आधार पर रिजेक्ट किया गया है, इसे कृषि विभाग विष्लेषण कर कार्रवाई करे, कोई वास्तविक व्यक्ति न छूटे. कृषि इनपुट सब्सिडी वितरण का काम तेजी से करें ताकि समय पर जरूरतमंद किसानों को इसका लाभ मिल सके. अगर किसी को बैंक एकाउंट आधार से लिंक नहीं है, उसे जल्द से जल्द प्रेरित कर इस काम को करायें. कृषि विभाग अपने तंत्र को और विकसित करे ताकि योजनाओं का सही और त्वरित लाभ किसानों को मिल सके. किसान रैयत हो या गैर रैयत, सभी का सही आकलन जरूरी है. हम सभी किसानों की मदद करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि किसान अपने खेतों से फसल काटने के बाद उसके अवशेष में आग लगा रहे जिससे वातावरण प्रदूषित हो रहा है, इसके लिए अभियान चलाकर किसानों को जागरूक करते रहने की आवश्यकता है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि कार्य में श्रमिकों की कमी की वजह जानना जरूरी है. इसका अध्ययन करने की जरूरत है कि कृषि के अलावा और कौन-कौन से काम में लोग मजदूरी में लगे हैं. कृषि विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण जो मौसम में बदलाव आए हैं, उसको देखते हुए फसल चक्र में भी परिवर्तन करना होगा इसलिए फसल चक्र पर फोकस करते हुए लोगों को जागरूक कर इसके लिये प्रेरित करना होगा. बामेती, आत्मा एवं अन्य संस्थाओं को इसमें शामिल कर इसे गंभीरता से लेना होगा. किस इलाके में कौन सी फसल को प्रोत्साहित करना है, इसके लिये वैज्ञानिकों से भी जरूरत पड़े तो विचार-विमर्श किया जाय. मधुमक्खी पालन का आकलन और अध्ययन कराने का निर्देश एवं नेचुरल शहद को भी प्रोत्साहित करने के लिये मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया.
समीक्षा बैठक में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, राज्य मंत्रिमंडल के मंत्रीगण, मुख्य सचिव दीपक कुमार, पुलिस महानिदेशक गुप्तेष्वर पाण्डेय, विकास आयुक्त सुभाष शर्मा, प्रधान सचिव मंत्रीमण्डल समन्वय सह सदस्य सचिव बिहार विकास मिशन संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, निदेशक बिहार विकास मिशन विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार सहित संबंधित विभागों के प्रधान सचिव / सचिव सहित अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित थे.
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