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पटना : पूर्व प्रधानमंत्री वीपी सिंह की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम का मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने किया उद्घाटन

अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)

पटना में सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व प्रधानमंत्री स्व विश्वनाथ प्रताप सिंह की जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा मिशन द्वारा आयोजित लोक स्वराज प्रतिबद्धता अभियान के समापन समारोह में शिरकत करते हुए कार्यक्रम का दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया.

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे पहले राष्ट्रीय सेवा मिशन को इस बात के लिए बधाई देता हूँ कि आपने पूरे बिहार के गांव-गांव में घूमकर सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ विशेष कर नशामुक्ति, दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ लोगों को जागरूक करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि स्व वीपी सिंह की राजनीति में भूमिका से सभी लोग परिचित हैं. उन्होंने कहा कि स्व वीपी सिंह ने कभी भी राजनीति में समझौतावादी रास्तों को नहीं अपनाया, अगर वे इस रास्ते को अपनाते तो सत्ता में आराम से बने रह सकते थे. उन्होंने मंडल कमीशन की सिफारिश को लागू किया, जिससे देश में माहौल बदला. इसके चलते उन्हें सत्ता भी गंवानी पड़ी. ये कोई मामूली बात नहीं है. उन्होंने किसानों के लिए भी काम किया. उन्होंने शरीर की चिंता नहीं की, लगातार अनशन के दौरान उपवास के चलते ही उन्हें किडनी की समस्या के साथ-साथ स्वास्थ्य संबंधी अनेक परेशानियांं हुुयीं. वर्षों तक जनता की सेवा में वे लगे रहे. उनका व्यक्तित्व स्मरणीय है, उन्हें पूरा भरोसा है कि वे लोगों को सदा याद रहेंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे भी उनके साथ काम करने का मौका मिला है. जब 1989 में उनकी सरकार बनी थी तो पहली बार हम सांसद बने और मंत्री भी बनने का मौका मिला. उनके काम करने के ढंग से, उनके व्यक्तित्व से मुझे प्रेरणा मिली है. मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम भी यह कोशिश कर रहे हैं कि बिना समझौते की राजनीति पर आगे बढ़ें. बिहार में हर तबके का विकास किया जा रहा है, हर क्षेत्र का विकास किया जा रहा है. न्याय के साथ विकास के प्रति हम प्रतिबद्ध हैं. जो तबका पिछड़ गया है, उसके लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं. जो हाशिये पर हैं, उनको मुख्यधारा में शामिल करने के लिए प्रयास किया जा रहा है. पुल-पुलियों, सड़क के निर्माण के साथ-साथ कल्याणकारी योजनाओं पर काम किया जा रहा है. हर गांव में पक्की गली-नाली का निर्माण किया जा रहा है, हर घर में नल का जल उपलब्ध कराया जा रहा है, हर घर तक बिजली पहुंचायी जा रही है। नारी सशक्तीकरण की दिशा में काम किया गया है. इन सब कामों को करते हुए सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया गया है. कर्पूरी जी ने 1978 में शराबबंदी लागू की थी, उस समय के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई भी इसके पक्षधर थे लेकिन कर्पूरी जी की सरकार जाने के बाद ये अभियान थम सा गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी सशक्तीकरण के एक कार्यक्रम में श्रीकृष्ण मेमोरियल हॉल में 9 जुलाई 2015 को महिलाओं की मांग पर ही हमने शराबबंदी का निर्णय किया. शराबबंदी की सफलता हर घर बयां कर रही है. शाम छ: बजे के बाद कोलाहल की जगह शांति का माहौल है. शादी विवाह के कार्यक्रम भी शांतिपूर्वक संपन्न हो रहे हैं. चंद लोग अभी भी इस अभियान को असफल करने में लगे हैं लेकिन शराबबंदी का बहुत बड़ा असर पड़ा है और समाज के अधिकतर लोग इसके पक्ष में हैं. 21 जनवरी 2017 को चार करोड़ लोगों ने शराबबंदी एवं नशामुक्ति के पक्ष में मानव श्रृंखला बनायी थी. 21 जनवरी 2018 को बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ एक बार फिर से 14,000 किलोमीटर लंबी मानव श्रृंखला बनाकर अपनी प्रतिबद्धता जतायी थी. हम समाज सुधार के प्रति जागरूक हैं और अपना काम करते रहेंगे. मुझे काम करने का मौका मिला है और हम मजबूती से काम करते रहेंगे और जन सहयोग हमें मिलता रहेगा. आज कल समाज में टकराव की भावना पैदा की जा रही है. हमलोगों को कोशिश करनी चाहिए कि समाज में प्रेम और सद्भाव का माहौल रहे, आपसी भाईचारा बना रहे. आज कल सोशल मीडिया के द्वारा भी टकराव बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. वीपी सिंह की जयंती पर आज ये सबक लेने की जरूरत है कि टकराव से समाज आगे नहीं बढ़ेगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी यह सोच है कि आधी आबादी के सहयोग के बिना समाज आगे नहीं बढ़ सकता है. हमने इसके लिए पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया, लड़कियों के लिए साइकिल योजना चलाई गई. एससी, एसटी, महादलितों के लिए काम किए गए. महादलितों के लिए चलायी जा रही विशेष योजनाएं अब एससी एवं एसटी के सभी वर्गों के लिए यह लागू है. स्वर्ण आयोग की सिफारिशों को लागू किया गया. एससी, एसटी, अल्पसंख्यकों, पिछड़ों, अतिपिछड़ों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के कल्याण के लिए काम किए जा रहे हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे व्यक्तिगत तौर पर जयप्रकाश नारायण, मधु लिमये, वीपी सिंह, कर्पूरी ठाकुर जैसे लोगों से प्रेरणा मिली. इनलोगों के सानिध्य में रहकर हमने एक-एक चीज को देखा और सीखा. हम इस बात की चिंता नहीं करते हैं कि कौन वोट देगा और कौन वोट नहीं देगा, हम काम पर भरोसा करते हैं. हम वोट नहीं, वोटरों की चिंता करते हैं. उन्होंने कहा कि महापुरूषों की जयंती मनाने के साथ-साथ उनके विचारों को भी ग्रहण करना चाहिए. गांधी जी ने हमें प्रेम, सेवा और सद्भाव सिखाया. मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं मीडिया वालों का भी सम्मान करता हूँ. अखबार के माध्यम से ही मुझे एक नाबालिग सब्जी वाले के साथ हुए अन्याय के बारे में जानकारी मिली और तत्काल उस पर कार्रवाई की गयी. वीपी सिंह के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा है. हम सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं. आज ही के दिन 25 जून 1974 को इमरजेंसी लागू की गयी थी और उसी दौरान हुए आंदोलन से हम निकले हैं. जिस समय कांग्रेस के खिलाफ समाजवादियों का एक बहुत बड़ा वर्ग खड़ा हुआ था, अगर समाजवादी एकजुट अनुशासित और संगठित होते तो उसी समय कांग्रेस के खिलाफ समाजवादी स्थापित हो गए होते. आप लोगों ने जो मांगें रखी हैं, मैंने उस पर गौर किया है, मुझे भी वीपी सिंह के प्रति गहरी श्रद्धा एवं सम्मान है. जो भी संभव होगा, वो करेंगे. आप लोगों ने जो सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ अभियान चलाया है, वो निरंतर जारी रहे.

मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के आरंभ में स्व वीपी सिंह के चित्र पर पुष्प अर्पित किया. राष्ट्रीय सेवा मिशन के द्वारा मुख्यमंत्री का स्वागत फूलों की बड़ी माला, अंगवस्त्र और प्रतीक चिह्न भेंटकर किया गया. कार्यक्रम को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, बिहार सरकार के उद्योग मंत्री जयकुमार सिंह, पूर्व मंत्री नरेंद्र सिंह, राष्ट्रीय सेवा मिशन के अध्यक्ष जीतेंद्र नीरज, पूर्व विधान पार्षद विनोद कुमार सिंह, राष्ट्रीय सेवा मिशन की सचिव माधवी सिंह ने भी संबोधित किया. इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण, विशिष्ट अतिथिगण एवं राष्ट्रीय सेवा मिशन से जुड़े प्रतिनिधि उपस्थित थे.

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