पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अंतर्राष्ट्रीय नशा विमुक्ति दिवस समारोह का किया उद्घाटन, शराबबंदी को बताया सफल
अभिषेक श्रीवास्तव (प्रधान संपादक)
पटना में मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अधिवेशन भवन में मादक द्रव्यों के दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय नशा विमुक्ति दिवस समारोह का दीप प्रज्ज्वलित कर उद्घाटन किया.
इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मादक द्रव्यों के दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस का आयोजन होता है, बिहार में भी इसका आयोजन प्रभावी ढंग से किया जाता है. पहले भी मैं इस कार्यक्रम में शामिल हुआ हूं और आज भी शामिल होने का मौका मिला है. मैं इस क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले सभी लोगों को बधाई देता हूं. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में 1 अप्रैल 2016 से
शराबबंदी लागू की गई लेकिन लोगों में उत्साह एवं प्रसन्नता को देखते हुए 05 अप्रैल 2016 से राज्य में पूर्ण शराबबंदी लागू कर दी गई. पहले पुराने कानून में संशोधन करके इसे लागू किया गया लेकिन फिर 02 अक्टूबर से पुराने कानून की जगह पर नया एंटी प्रोविशन कानून लागू कर दिया गया, जो राज्य में पूरी तरह प्रभावी है. इस कानून का सख्ती से अनुपालन कराया जा रहा है और लोगों के बीच में जागरूकता फैलाने को लेकर निरंतर अभियान भी चलाया जा रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में बेगूसराय में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत की खबर आयी है. जांच से पता चला है कि इनलोगों ने सर्जिकल स्प्रीट का सेवन किया था. कुछ दिन पहले रोहतास, वैशाली एवं गोपालगंज जिले में भी जहरीली शराब पीने से कुछ लोगों की मौत हुई थी. यह सोचने वाली बात है कि समाज में कुछ ऐसे मानसिकता के लोग हैं, जो शराब के गलत कारोबार में लिप्त हैं और उसका सेवन करने वाले लोग इसका शिकार होते हैं. पदाधिकारियों को इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिये प्रचार करने की जरुरत है ताकि लोग इसे जानें और इससे सतर्क रहें. शराबबंदी के बाद भी कुछ लोग नहीं मानते हैं और ऐसी चीजों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए जानलेवा हो गयी है. यह हमारे कानून की विफलता नहीं है, यह कुछ लोगों की दूषित मानसिकता का परिणाम है. इन सब चीजों के प्रति लोगों को मानसिक तौर पर अभियान चलाकर मजबूत करने की जरुरत है. मादक द्रव्यों के दुरुपयोग एवं अवैध व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है, इसके लिए अपने देश में भी कानून हैं और हमलोग भी इसके लिए प्रतिबद्ध हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के बाद पारिवारिक वातावरण में बदलाव आया है, लोग अपनी गाढ़ी कमायी का बड़ा हिस्सा शिक्षा, कपड़ा, एवं बेहतर खान-पान पर करने लगे हैं. शराबबंदी कानून के सख्ती से पालन के लिए नया तंत्र विकसित किया गया है, आईजी प्रोविशन का गठन किया गया है. एक फोन नंबर जारी किया गया है जिस पर कोई भी शिकायत कर सकता है, उसका नाम गुप्त रखा जाएगा और कार्रवाई किए जाने की सूचना भी उसे दी जाएगी. उन्होंने कहा कि कर्पूरी ठाकुर ने शराबबंदी को अपने समय में लागू किया था लेकिन उनके हटने के बाद यह वापस हो गया. हमने 09 जुलाई 2015 को कुछ महिलाओं की मांग पर शराबबंदी को लागू किया. 5000 करोड़ रुपए का राजस्व राज्य सरकार को प्राप्त हो रहा था लेकिन फिर भी इसकी परवाह नहीं की, यह कोई साधारण बात नहीं है. हमने सोचा कि लोगों का इसमें बहुत पैसा बर्बाद होता है. लोगों को 10 से 15 हजार करोड़ रुपए की बचत हुई, जिसका अब सदुपयोग हो रहा है. इससे बाजार का विस्तार हो रहा है और उससे मिलने वाले कर से राज्य सरकार को आमदनी हो रही है. हाल ही में सेंटर फॉर पब्लिक एंड फाइनेंस पॉलिशी एवं आद्री ने सर्वेक्षण किया है. जगजीवन राम संसदीय अध्ययन संस्थान एवं राजनीतिक केंद्र ने भी सर्वेक्षण किया है. स्वास्थ्य विभाग ने भी अपने सर्वेक्षण में पाया है कि शराब के आदी 81 प्रतिशत लोगों में डिप्रेशन की कमी आयी है, 77 प्रतिशत लोगों में एनेक्जाइटी एवं तनाव में कमी आयी है, 83%
लोगों में बचत की बढ़ोतरी, 75% लोगों की आमदनी
में वृद्धि, 86% लोगों के स्वास्थ्य में सुधार एवं 86% लोगों के कार्य करने की क्षमता में वृद्धि हुई है. इन सब आंकड़ों से स्पष्ट हो जाता है कि शराबबंदी से समाज को कितना बड़ा फायदा हुआ है. 5000 करोड़ रुपए की जो आमदनी
शराब के टैक्स से होती थी, शराबबंदी के बाद वर्ष 2016-17 में यह घाटा मात्र 1000 करोड़ रुपए तक ही रहा और अब यह बीते दिनों की बात हो गई. बिहार में शराबबंदी के
बाद पड़ोसी राज्यों में शराब की बिक्री बढ़ी है. यह एक आवांछित लाभ है. इसके बारे में लोगों को सोचना चाहिए. शराबबंदी के पक्ष में पूरे देश में एक वातावरण बन रहा है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जिनकी पूरी आजीविका इसी पर टिकी हुई थी, वैसे लोगों को वैकल्पिक रोजगार दिलाये जाने की व्यवस्था की जा रही है. सामाजिक अभियान के अंतर्गत रोजगार के अन्य क्षेत्र जैसे पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन, दुकान आदि का प्रबंध जीविका समूहों के माध्यम से किया जायेगा. पूर्णिया जिले के एक गांव में ऐसे लोगों को गाय उपलब्ध करायी गयी है. साथ ही जो परिवार हाषिए पर हैं उनकी भी सर्वेक्षण सूची बनायी जा रही है और उन्हें भी जीविका समूहों के माध्यम से इसका लाभ दिया जाएगा. हमलोग सिर्फ कानून का अनुपालन ही नहीं कराते हैं उसकी समीक्षा भी कराते हैं. लोगों का अनुभव भी प्राप्त करते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी इसकी सहमति दे दी है कि सरकार शराबबंदी कानून में संवैधानिक प्रावधानों के अनुसार संशोधन कर सकती है. इसके लिए अधिकारियों की एक कमिटी बनायी गई है, जो इन सब चीजों का विश्लेषण करेगी. हमलोगों का अंतिम मकसद शराबबंदी को लागू करना है। शराबबंदी के निर्णय के साथ कोई भी समझौता नहीं करेंगे. देश में अलग-अलग अपराधों के लिए कानून हैं लेकिन फिर भी पूर्णतः सबकुछ नियंत्रित नहीं हो पाता है. कुछ लोग कानून के उल्लंघन में लगे रहते हैं लेकिन कड़ी सजा के द्वारा कानून को लागू कराया जाता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि शराबबंदी के
बाद इस बात के लिए भी सतर्क रहना है कि लोग दूसरे मादक द्रव्यों का सेवन न करें. कुछ गलत मानसिकता के लोग गड़बड़ी करके अच्छे कामों को विफल नहीं कर सकते. मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में सामाजिक सुधार के परिवर्तन की दिशा में काम किया जा रहा है, चाहे शराबबंदी से नशामुक्ति की तरफ ले जाना हो अथवा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के खिलाफ अभियान. इसके साथ-साथ राज्य में हरेक वर्ग के कल्याण के लिये काम किया जा रहा है, चाहे वह एससी, एसटीहों, अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग हों, या महिलायें हां, सभी के लिए काम किए जा रहे हैं. राज्य में सात निश्चय योजना के अंतर्गत हर घर नल का जल, हर घर शौचालय, हर घर तक पक्की नली गली का निर्माण कराया जा रहा है. दिसंबर तक हर घर तक बिजली पहुंच जाएगी. उन्होंने कहा कि सामाजिक कुरीतियों को खत्म करना जरुरी है ताकि विकास का लाभ जन जन को प्राप्त हो. जब वर्ष 2006-07 में शिक्षकों की कमी थी तो पुलिस विभाग के अधिकारियों ने शिक्षक बनकर बच्चों को पढ़ाया. आप सबलोगों में काफी क्षमता है. हर पहलू पर आप लोगों को सोचना है. लोगों के बीच अभियान चलाते रहना है और कानून का सख्ती से पालन भी कराना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात पर चर्चा हुई है कि आर्थिक अपराध इकाई के अंतर्गत राज्यस्तरीय एंटी नॉरकोटिक्स टॉस्क फोर्स का गठन किया जाएगा, जो 24 घंटे काम करेगा. इसमें 12 पदाधिकारी एवं 24 सशस्त्र बल उपलब्ध होंगे. जब्त करने वाले अधिकारी तथा सूचकों को पुरस्कृत करने के लिए राज्य स्तरीय समिति का पुनर्गठन किया गया है और उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारी, सूचकों को पुरस्कृत करने के लिए जो राशि की जरुरत होगी राज्य सरकार उपलब्ध कराएगी। मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि आपलोगों से आग्रह है कि चीजों का निष्पक्ष विश्लेषण कीजिये, जो कमियां उजागर होंगी उसे दुरुस्त किया जाएगा और जो अच्छी बातें होंगी, उसका असर लोगों की मानसिकता पर पड़ेगा. अपराध में कमी आएगी और लोगों का विचार बदलेगा. राजनीतिक, सामाजिक, सरकारी अथवा गैर सरकारी तंत्र से जुड़े लोग हों या किसी भी क्षेत्र से जुड़े लोग हों, हम सबका दायित्व है कि समाज सुधार के काम में आगे आएं.
मुख्यमंत्री का स्वागत पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी ने पुष्प-गुच्छ एवं प्रतीक चिन्ह भेंटकर किया. कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्यमंत्री ने लगाई गई प्रदर्शनी का भी अवलोकन किया. वहीं मुख्यमंत्री ने एक पर्णिका का भी विमोचन किया, साथ ही आर्थिक अपराध इकाई द्वारा तैयार आर्थिक अपराध आंकड़ों से संबंधित ‘ए टू एन’ पुस्तक का भी विमोचन किया। मादक पदार्थों के सुरक्षित भंडारण हेतु जिलों में निर्मित 35 गोदामों का रिमोट के जरिए मुख्यमंत्री ने उद्घाटन किया. एनडीपीएस एक्ट के कांडों के गुणवत्तापूर्ण अनुसंधान हेतु सर्च, सीजर, सैंपलिंग विषय पर तैयार वीडियो सीडी का भी मुख्यमंत्री ने विमोचन किया. नशामुक्ति हेतु नागरिकों से अपील संबंधी मुख्यमंत्री के ध्वनि संदेश के प्रेषण का भी शुभारंभ किया गया.
कार्यक्रम को पुलिस महानिदेशक केएस द्विवेदी, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, अपर पुलिस महानिदेशक (आर्थिक अपराध इकाई) जीतेंद्र सिंह गंगवार ने भी संबोधित किया. वहीं इस अवसर पर पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक सुनील कुमार, अग्निशमन सेवाएं एवं गृह रक्षावाहिनी के महानिदेशक रवींद्र कुमार, बिहार सैन्य पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडेय, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव अतीश चंद्रा, मुख्यमंत्री के सचिव विनय कुमार, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार सहित अन्य पुलिस पदाधिकारीगण एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.
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