पटना : बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत अनुदान की ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का मुख्यमंत्री ने किया शुभारंभ
अभिषेक श्रीवास्तव
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पटना में गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अण्णे मार्ग स्थित “संकल्प” में बिहार शताब्दी निजी नलकूप योजना के तहत अनुदान की ऑनलाइन भुगतान प्रणाली का शुभारंभ माउस का बटन दबाकर किया.
लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव श्री के0के0 पाठक ने इस योजना के बारे में विस्तृत जानकारी बैठक में दी. वहीं प्रधान सचिव लघु जल संसाधन ने बताया कि लघु एवं सीमांत किसानों के लिए सिंचाई के साधन विकसित होने से कृषि उत्पादन में वृद्धि होगी. इसके लिए सभी प्रखंडों में निजी नलकूप योजना की शुरुआत की गई है. ऑनलाइन आवेदन के द्वारा 15 दिनों के अंदर इसे स्वीकृति मिलेगी. आवेदन स्वीकृति के पश्चात 45 दिनों के अंदर नलकूप गाड़ कर ऑनलाइन भुगतान के लिए दावा किया जा सकेगा. 21 दिनों के अंदर की गयी बोरिंग की जांचकर राशि का भुगतान बैंक खाते में सीधे किया जाएगा. 70 मीटर की गहराई के नलकूप के लिए 328 रुपए प्रति मीटर की दर से 15 हजार रुपए, 100 मीटर तक की गहराई के नलकूप के लिए 597 रुपए प्रति मीटर की दर से अधिकतम 35 हजार रुपए अनुदान के रुप में दिए जाएंगे. किसान की अपने नाम से कम से कम 40 डिसमिल कृषि योग्य भूमि होनी चाहिए.
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि नलकूप की जांच के लिए 15 दिनों के अंदर कार्यपालक अभियंता द्वारा रिपोर्ट निश्चित तौर पर देने संबंधी कार्य की मॉनिटरिंग हो. ऐसा सुनिश्चित करें कि विभागीय पोर्टल पर कार्यपालक अभियंता इसकी जानकारी दें. ऐसा नहीं करने वालों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि वर्षापात की कमी से भू-जल स्तर में कमी आयी है. अतः जो आपलोगों ने पैमाना 70 मीटर और 100 मीटर के लिए निर्धारित किया है, उसको एक बार फिर से रिव्यु कर लें और आवश्यकता हो तो ज्यादा स्तर तक की गहराई के नलकूप के लिए भी योजना बनायी जाए. उन्होंने कहा कि पुराने सरकारी नलकूपों को रिपेयर कराकर निजी हाथों में सौंपने के सरकार के निर्णय को गंभीरतापूर्वक लागू करें. ग्राम पंचायत के माध्यम से इस काम को और बेहतर ढंग से कराया जा सकता है. उन्होंने कहा कि लघु जल संसाधन विभाग को और इंजीनियर की जरुरत हो तो बहाल करें और सभी का काम ठीक ढंग से निर्धारित हो और उसका उपयोग हो.
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऑनलाइन भुगतान से व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और किसानों को लाभ सीधे उनके खाते में जाएगा. उन्होंने कहा कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए अब बिजली की दर 75 पैसे प्रति यूनिट कर दी गई है. वर्ष 2019 के अंत तक अलग से कृषि फीडरों का निर्माण कर लिया जाएगा। बिजली के दर में कमी होने से निजी नलकूप लगाने वालों के साथ-साथ सरकारी नलकूप प्राप्त करने वाले निजी व्यक्ति/संस्था को सीधे तौर पर लाभ होगा.
बैठक में लघु जल संसाधन मंत्री दिनेश चंद्र यादव, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, लघु जल संसाधन विभाग के प्रधान सचिव केके पाठक, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष कुमार वर्मा, विशेष सचिव मुख्यमंत्री सचिवालय अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्य पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित लघु जल संसाधन विभाग के अन्य पदाधिकारीगण उपस्थित थे.
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