बाढ़ : डोली से पहुंची दुल्हन, देखने वालों की लगी भीड़
ब्रजकिशोर ‘पिंकू’
भारतीय संस्कृति और सभ्यता आज भी ग्रामीण परिवेश के दिलो में बसती है. देश या दुनिया चाहे जितनी भी प्रगति कर ले लेकिन आज भी लोग शादी विवाह के मौके पर पुरानी परंपरा और रूढ़िवादिता को बड़े ही शान शौकत से निभाने में आस्था रखते हैं. इसका जीता जागता नमूना शुक्रवार को बाढ़ के बिचली मलाही गांव में देखने को मिला. जहां विवाह पश्चात दुल्हन की पुराने जमाने के डोली पर विदाई की गई.
बता दे कि भारतीय वायुसेना में कार्यरत दूल्हा रमन शुक्ला उर्फ सोनू कुमार अपनी पुरानी परंपरा को निभाने में आस्था रखते हैं. जबकि उनके लिए शान शौकत वाली फराटेदार लग्जरी गाड़ियां उनके आगे पीछे दौड़ती है। लेकिन तब पर भी अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए उन्होंने पुरानी परंपरा को अपनाया.
वहीं डोली को अपने कंधे पर लादकर दुल्हन के घर से दूल्हे के घर तक पहुंचने वाले कहार जगलाल मांझी और उनके साथी बताते हैं कि वे लोग पिछले 50 वर्षो से अपनी इस पुश्तैनी धंधे को करते आ रहें हैं. वे बताते हैं कि आधुनकि समय मे भी डोली का क्रेज खत्म नहीं हुआ है और शौकीन किस्म के लोग आज भी डोली और पालकी मंगाते हैं. लिहाजा उनकी कमाई पहले से अधिक है, ये अलग बात है कि धीरे-धीरे डोली और पालकी का प्रचलन खत्म होते जा रहा है. उनका कहना है कि पहले कोसों दूर पैदल पालकी लेकर जाया करते थे परंतु अब कुछ दूर ही पैदल चलना पड़ता है.
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