नालंदा : राजगीर में विदेश पर्यटकों से ठगी करते तीन गिरफ्तार, गृद्धकूट पर्वत पर सालों से चल रहा था गोरखधंधा
प्रणय राज
विश्वप्रसिद्ध पर्यटन नगरी राजगीर में विदेशी पर्यटकों से ठगी करते तीन ठगों को गिरफ्तार किया गया है. भगवान बुद्ध के प्रिय स्थल गृद्धकूट पर्वत पर सालों से यह गोरखधंधा चल रहा था.
बता दें कि कई बार पर्यटकों ने इसकी शिकायत की थी, पर कार्रवाई नहीं होने से पर्यटक लुट रहे थे. ठग भगवान की पूजा-पाठ के नाम पर पर्यटकों से विदेशी मुद्रा की ठगी करते थे. सूत्रों की माने तो गाइड व पुरातत्व विभाग के कर्मी भी इस ठगी के धंधे में शामिल हैं. गिरफ्तार ठगों में राजगीर के शिव गली निवासी संजय कुमार चन्द्रवंशी, प्रदीप मालाकार व अर्जुन मालाकार शामिल हैं.
गौरतलब है कि इससे पहले वर्ष 2010 में भी पुरातत्व विभाग के फोरमैन सुमति लाल को पुलिस ने ठगी करते पकड़ा था. इस बार पकड़े गए लोगों में उनका बेटा संजय शामिल है जो अपने पिता के काम को आगे बढ़ा रहा है. एसडीओ संजय कुमार ने बताया कि काफी दिनों से ठगी की शिकायत मिल रही थी. गृद्धकूट पर्वत पर आने वाले विदेशी पर्यटकों को पूजा के नाम पर ठगा जाता था. शिकायत पर सीओ व कार्यपालक दंडाधिकारी के नेतृत्व में जांच टीम बनायी गयी. जांच में पर्यटकों की शिकायत सही पायी गयी. इसके बाद सोमवार को पुलिस ने छापेमारी कर ठगी करते रंगे हाथ तीनों को दबोच लिया. प्रभारी थानाध्यक्ष रंजीत कमार ने बताया कि पकड़े गये ठगों से पूछताछ कर गिरोह के अन्य सदस्यों का पता लगाया जा रहा है.
लोगों की माने तो धर्म की आड़ में सालों से यह गोरखधंधा चल रहा था. यहां मौजूद भगवान के पिण्ड के पास ठग नोट, डॉलर अन्य देशों की करेंसी रख देते थे. वहां आने वाले पर्यटकों को ठग रुपये चढ़ाने के लिए प्रेरित करते थे. पहले से रखे नोट देखकर पर्यटक भी वहां नोट रख देते थे. डॉलर व अन्य मुद्रा चढ़ाने पर ठगों के वारे-न्यारे हो जाते थे. इतना ही नहीं पर्यटकों के साथ मौजूद गाइड से भी ठगों का तालमेल रहता है. गाइड यह कहकर पर्यटकों की भावनाओं से खेलते हैं कि यहां पर चढ़ाया गया रुपया गरीबों की शिक्षा व स्वास्थ्य पर खर्च किया जाता है. सूत्रों की माने तो पर्यटक सीजन में एक दिन में लाखों का वारा-न्यारा होता था .
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