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नालंदा : 50 पैसे किलो भी नहीं बिकने पर किसानों ने सड़क पर फेंके प्याज

प्रणय राज

https://youtu.be/xNCghtPCu-Y

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालन्दा में किसानों को प्याज की कीमतों में बेतहाशा गिरावट आने से नाराज किसानो ने गुरुवार को बिहार शरीफ बाजार समिति में प्याज को सड़कों पर फेंक सरकार के खिलाफ  प्रदर्शन किया.

बता दें कि बुधवार तक प्याज का कीमत एक रूपए किलो थोक भाव था. मगर गुरूवार को 50 पैसे किलो पर भी कोई ख़रीदर नहीं मिला. जिसके कारण आक्रोशित किसानो ने किसान जिंदाबाद के बैनर तले सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए कई बोरे प्याज को सड़को पर फेंक दिया.

मौके पर किसान जिंदाबाद के नायक इंजिनियर प्रणव प्रकाश ने कहा कि आज सरकार की बेरुखी के कारण किसानो को उनका लागत मूल्य भी नहीं मिल रहा है. जिसके कारण आलू और प्याज दोनों की स्थिति एक जैसी हो गयी है. ऐसे परिवेश में अगर सरकार ने धान की तर्ज पर आलू और प्याज की खरीदारी नहीं की तो यहाँ के किसान अन्य प्रदेशो की तरह आत्महत्या करने पर मज़बूर हो जायेंगे. उन्होंने कहा कि प्याज और आलू उत्पादक किसान की स्थिति आज बहुत ही खराब हो चुकी है एक तरफ लागत मूल्य बढ़ता जा रहा है दूसरी तरफ उचित मूल्य को तो छोड़ दें. आज पुराना प्याज कोई खरीदने वाला नहीं है. यह कैसी स्थिति है जिसमें किसान निर्णय नहीं ले पा रहे हैं समझ नहीं पा रहे हैं कि वे क्या करें. यहां तो अच्छी उपज हुई थी.

किसानों के पास प्याज का भंडार पड़ा है, लेकिन खरीदने वाला कोई नहीं है. चार-पांच दिनों तक एक रुपए प्रति किलो प्याज बिक रहा था जब की लागत मूल्य 2 रूपए प्रति किलो थी. आज तो 50 रूपए किलो में भी कोई खरीदार नहीं मिल रहा है. यही हाल आलू का भी है प्याज की स्थिति पूरी तरह खराब हो चुकी है. किसानो ने अपने गाढ़ी  मेहनत और पूंजी इसमें लगाया था उसके सारे पैसे सारे सपने ध्वस्त हो जाएंगे. उन्होंने बाजार के अन्य चीजों की तुलना करते हुए कहा कि हर एक वस्तु और उत्पाद के सामान दिन प्रतिदिन बढ़ते चले जा रहे हैं मगर किसानों के द्वारा उत्पादित फसल या फिर सब्जियां कौड़ियों के भाव भी कोई खरीदने को तैयार नहीं है.

प्रदर्शनकारियो में हरिहर प्रसाद सिंह, सुनील कुमार, श्रवण पासवान, रामजी यादव, किशोर मालाकार, ब्रजकिशोर प्रसाद और सुबोध कुमार के अलावे कई किसान शामिल थे.

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