मुंगेर : मुआवजे की मांग को लेकर ग्रामीणों व किसानों ने रेलपुल एप्रोच पथ निर्माण कार्य को रोका
अमृतेश सिन्हा
मुंगेर में एक बार फिर गंगा पर बने रेल पुल के एप्रोच पथ निर्माण को लाल दरवाजा में ग्रामीणों एवं किसानों ने रोक दिया. आक्रोशित ग्रामीण मुआवजा दो और काम कराओं के नारे लगा रहे थे. वहीं काम रूकने की सूचना पर एसडीओ खगेश चंद्र झा एवं जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों को समझा-बुझा कर काम को प्रारंभ कराने का प्रयास किया. लेकिन ग्रामीण मुआवजा की मांग पर अड़े रहे. बाद में ग्रामीण एवं अधिकारियों के बीच हुई बैठक में गुरुवार को जिलाधिकारी के साथ इस मामले को लेकर वार्ता पर सहमति बनी. लेकिन निर्माण कार्य रोक लगा दिया गया.
बताया जाता है कि लाल दरवाजा से चंडी स्थान के बीच 23 पीलर का निर्माण किया जाना है. जिसको लेकर निर्माण एजेंसी द्वारा लगातार पायलिंग का काम किया जा रहा है. इसी दौरान बुधवार को लालदरवाजा के समीप पायलिंग का काम चल रहा था. तभी ग्रामीण और किसान पहुंचे और निर्माण कार्य को रोक दिया. साथ ही मजदूरों एवं मशीन के साथ चलकों को भगा दिया. ग्रामीणों का कहना है कि मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी यहां के किसान एवं विस्थापित होने वाले परिवारों को बिना मुआवजा दिये ही निर्माण कार्य कराया जा रहा है. जब पाया नंबर एक का काम प्रारंभ हुआ और हमलोगों ने विरोध किया तो उस समय प्रशासन ने कहा था कि काम होने दें, मुआवजा दिया जायेगा. बावजूद आज तक मुआवजा देने की दिशा में काम नहीं हुआ. लेकिन काम को तेज गति से पूरा किया जाने लगा. हमलोगों के साथ एक साजिश चल रही और बिना मुआवजा के ही हमारी जमीन का अधिग्रहण कर हमसे जमीन हड़पना चाह रहे है. जब तब मुआवजा नहीं मिलेगा तब तक काम नहीं होने दिया जायेगा.
वहीं ग्रामीणों द्वारा काम बंद करा देने की सूचना पर एसडीओ खगेश चंद्र झा, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी राजेश कुमार पहुंचे और ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया. करीब आधे घंटे बाद ग्रामीण और अधिकारियों के बीच लाल दरवाजा में ग्रामीण दीन दयाल यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई. ग्रामीणों ने कहा बरियारपुर रेलवे ओवर ब्रिज निर्माण के लिए अधिग्रहित भूमि को गैर मजरूआ आम जमीन बताते हुए रैय्यत का जमाबंदी रद्द कर दिया गया था. कोर्ट में मामला गया और सभी को मुआवजा दिया गया. जिसके कारण विकाशोन्मुखी कार्य संपन्न हुआ. एप्रोच पथ में भूमि अधिग्रहण पर मुआवजा देने की घोषणा मुख्यमंत्री ने किया. घोषणा के छः माह बाद भी मुआवजा का भुगतान हमलोगों को नहीं हुआ. प्रशासन किसान एवं विस्थापित परिवारों का दमन करते हुए पीलर का काम शुरू कर दिया है. हम अपनी रोटी और मकान के लिए महात्मा गांधी के आदर्शो पर चल कर अपना अधिकार पाने के लिए आहुती देने को तैयार है.
एसडीओ ने कहा कि सरकार ने घोषणा किया है. जिला प्रशासन द्वारा रिपोर्ट भी भेजा गया है. शीघ्र ही मुआवजा के लिए कार्रवाई सरकार द्वारा की जायेगी. आप लोग काम होने दे. लेकिन वार्ता में बात नहीं बनी. तब निर्णय हुआ कि जिलाधिकारी के साथ गुरुवार को विशेष बैठक होगी. जिसमें ग्रामीण अपनी बातों को रखेंगे. वहीं पाया के निर्माण में जुटी कम्पनी के सीनियर प्रोजेक्ट एरिया मैनजेर संतोष कुमार ने बताया कि ग्रामीणों के विरोध के कारण उन लोगों को काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है जिससे प्रोजेक्ट डिले हो रहा है.
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