Abhi Bharat

मोतिहारी : केसरिया के पर्यटक भवन के सामने खड़ी यूपी नम्बर की स्विफ्ट कार सोशल मीडिया में बनी चर्चा का विषय

एम के सिंह

पूर्वी चंपारण जिले के केसरिया का पर्यटक भवन एकाएक चर्चे में आ गया है. वैसे तो केसरिया का यह पर्यटक भवन अपने निर्माण काल से ही विवादों में रहा है. यहां के तत्कालीन विधायक राजेश कुमार रौशन उर्फ बब्लूदेव के कार्यकाल में विश्व प्रसिद्ध केसरिया बौद्ध स्तूप के भ्रमण को लेकर आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों के ठहराव के लिए बना यह पर्यटक भवन आजकल प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों का आवास बना हुआ है. वर्तमान में इस पर्यटक भवन का उपयोग यहां के प्रखंड विकास पदाधिकारी, अंचलाधिकारी, नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी एवं प्रखंड सांख्यिकी पदाधिकारी अपने-अपने आवास के रुप में करते हैं.

विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जिले के एक वरीय पदाधिकारी के निर्देश पर रविवार की देर रात्रि केसरिया के पर्यटक भवन में पुलिस ने सघन छापेमारी की थी. सूत्रों का कहना है कि जिले के वरीय पुलिस अधिकारियों को गुप्त सूचना मिली थी कि केसरिया के पर्यटक भवन में कोई प्रखंड स्तरीय पदाधिकारी शराब के नशे में हैं. इसी सूचना के आलोक में रविवार की देर रात चार थाने की पुलिस एकाएक केसरिया के पर्यटक भवन पहुंची और छापेमारी की. हालांकि छापेमारी में पुलिस को कुछ नहीं मिला.

जानकारों की अगर माने तो शराब पीने की पुष्टि के लिए पुलिस टीम ने यहां के एक पदाधिकारी की ब्रेथ एनेलाइजर से जांच भी की थी. छापेमारी और जांच में पुलिस को क्या मिला और इस मामले में अग्रतर कार्रवाई क्या हुई इसकी अधिकारिक तौर पर अभी तक पुष्टि नहीं हो पाई है. पुलिस छापेमारी के बाद सोशल मीडिया पर एक एक वीडियो वायरल हो रहा है. रात के दृश्य वाले वीडियो में यह स्पष्ट दिख रहा है कि केसरिया के पर्यटक भवन परिसर में प्रशासन की एक गाड़ी के अलावें UP16BE-8138 नंबर की एक मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार भी खड़ी है.

सूत्रों की अगर माने तो इस मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार की सवारी करते हुए यहां के अंचलाधिकारी कभी-कभार देखे गए हैं. यूपी नंबर की इस मारुति स्वीफ्ट डिजायर कार को भारी मात्रा में विदेशी शराब के साथ जिले की डुमरियाघाट पुलिस ने बरामद किया था. अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि शराब मामले में जब्त कार केसरिया के पर्यटक भवन में कैसे पहुंची और पुलिस द्वारा जब्त कार का उपयोग एक पदाधिकारी कैसे कर रहे थे. यह उच्चस्तरीय जांच का विषय है.

You might also like

Comments are closed.