मोतिहारी : कल्याणपुर के दरमाहा में भीषण अग्निकांड, करीब एक सौ घर जलकर राख
एम के सिंह
आग के गोले के रुप में तब्दील हुई चिंगारी ने देखते ही देखते करीब एक सौ गरीबों के आशियाने को जलाकर राख कर दिया. आगलगी की यह हृदयविदारक घटना पूर्वी चंपारण जिला अन्तर्गत कल्याणपुर प्रखंड के दरमाहा टोला विसंभरापुर में घटित हुई है.
शनिवार की सुबह सबकुछ सामान्य था. कड़ी धूप एवं तेज पछुआ हवा चलने के कारण आगलगी की आशंका से भयभीत ग्रामीण महिलाओं ने सुबह में ही खाना बना लिया था. खा-पीकर सभी लोग अपने-अपने काम में लगे थे. गर्मी अधिक होने के कारण अधिकांश लोग गांव से बाहर बगीचे में थे. इसी बीच दिन के करीब साढ़े बारह बजे ग्रामीण सूखल दास के घर से एकाएक आग की लपटें उठी और देखते ही देखते पूरे गांव में फैल गयी. इसी दौरान आग के संपर्क में आने से कई घरों में रखा गैस सिलेंडर विस्फोट कर गया. सिलेंडर विस्फोट के कारण उड़े आग के अनेकों गोले ने पूरे गांव को अपने चपेट में ले लिया. देखते ही देखते ग्रामीणों के नजर के सामने ही उनका आशियाना जलकर राख हो गया.
आग लगने से अफरातफरी मच गयी थी. ग्रामीण आग पर काबू पाने का भरपूर प्रयास कर रहे थे लेकिन आग की तेज लपटों के सामने सभी लोग बेवश थे. ग्रामीणों की सूचना पर अनुमंडल मुख्यालय चकिया से अग्निशामक दस्ता एवं केसरिया थाने के दारोगा लालसाहेब प्रसाद दलबल के साथ मौके पर पहुंचे. चार-चार दमकल की गाड़ियों ने घंटों मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया. महिलाओं की चीख-पुकार से अग्निकांड स्थल का माहौल गमगीन हो गया था.
अबतक मिली जानकारी के अनुसार जानमाल की क्षति तो नहीं हुई है. कुछ बच्चें लापता हैं जिनकी खोज जारी है. इस अग्निकांड में गहना, कपड़ा, बर्तन, अनाज एवं फर्नीचर सहित करीब पचास लाख रुपये की क्षति होने का अनुमान है. सुरेन्द्र दास की नई नवेली दुल्हन का सभी गहना एवं नगद 40 हजार रुपया भी अग्नि की भेंट चढ़ गयी. अग्निपीड़ितों में सूखल दास, जगदीश दास, सुनील दास, बलींद्र दास, चंद्रिका दास, बंगटू दास, धूपन दास, संजय दास, मनोज दास, अजय दास, बिगू दास, रुपन दास, श्यामबहादुर दास, लालबहादुर दास, अर्जुन दास, भोला दास, मोहन दास, नवल दास, हरदेव दास, ज्योतिक दास, नंदू दास, हरेंद्र दास, राजकिशोर दास, अंगेश दास, मुकेश दास एवं अमर दास सहित अन्य ग्रामीण शामिल हैं.
कल्याणपुर के सीओ अश्विनी कुमार ने बताया कि इस अग्निकांड से प्रभावित परिवारों की सूची बनाई जा रही है. बहुत जल्द उन्हें तत्कालिक सहायता एवं सरकारी प्रावधानों के मुताबिक राहत सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी. बहरहाल, इस अग्निकांड में तबाह हुए ग्रामीणों के चेहरे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट झलक रही थी. ग्रामीण यह कहकर फफक पड़ते थे कि आखिर अब उनका दिन कैसे कटेगा.
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