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गोपालगंज : रसोईये से दुष्कर्म के मामले में दो-दो डीएसपी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने के बावजूद महिला थाना ने शिक्षक को किया गिरफ्तार

सुशील श्रीवास्तव

गोपालगंज में जब स्कूल की रसोईया का शिक्षक ने हाजिरी नहीं बनाया. तब हाजिरी नहीं बनाने से नाराज रसोईया ने शिक्षक के ऊपर दुष्कर्म का आरोप लगा महिला थाना में नामजद प्राथमिकी दर्ज करा दी. सबसे बड़ी बात यह है की रेप के इस झूठे मुकदमे में जांच के बाद दो-दो डीएसपी ने आरोपियों को क्लीन चिट दे दिया. बावजूद इसके महिला थाना पुलिस ने पीड़ित शिक्षक को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. घटना कुचायकोट के बरवावृत्त गाँव का है.

पीड़ित शिक्षक का नाम अवध किशोर प्रसाद है. वे कुचायकोट के बरवावृत्त गाँव स्थित मिडिल स्कूल में शिक्षक है. शिक्षक अवध किशोर प्रसाद के मुताबिक उनके घर के पडोसी के ऊपर पूर्व में नाबालिग बच्ची के साथ रेप का आरोप था. जिसके आरोप में वह पडोसी जेल में है. इसी केस को सुलह करवाने के लिए उनके ऊपर उनके ही स्कूल की रसोइया के द्वारा रेप का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया गया. इसी झूठे मुकदमे में उन्हें शनिवार को जेल भेज दिया गया.

इस मामले में कुचायकोट के जलालपुर पंचायत के मुखिया पति व पूर्व मुखिया जीतेन्द्र सिंह ने बताया की मिडिल स्कूल बरवा वृत्त में गाँव की ही एक महिला रसोइया का काम करती है. वह पिछले एक साल से ड्यूटी से लापता थी. अपनी हाजिरी बनाने के लिए वह स्कूल के शिक्षक अवध किशोर प्रसाद के ऊपर लगातार दबाव डाल रही थी. हाजिरी नहीं बनाने और उसके परिजन के ऊपर पुराने रेप के केस के मामले में सुलह नहीं करने की वजह से शिक्षक के ऊपर भी दुष्कर्म का झूठा मुकदमा कर दिया गया.

इस मामले की जाँच तत्कालीन एसपी रविरंजन कुमार ने हथुआ एसडीपीओ और गोपालगंज एसडीपीओ से कराया. जिसमे दुष्कर्म के आरोपी शिक्षक को क्लीन चिट दे दिया गया. इसी मामले में तत्कालीन सारंण डीआईजी ने 27 नम्बर 2017 को जाँच करने का आदेश दिया. लेकिन इस आदेश के दो दिनों पूर्व ही यानी 25 नम्बर 2017 को ही डीआईजी के आदेश से मामले की समीक्षा रिपोर्ट निकाल दिया गया. जो पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.

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