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छपरा : मैट्रिक की परीक्षा में आशुतोष बना प्रमंडलीय टॉपर

धर्मेन्द्र कुमार रस्तोगी

छपरा में निजी विद्यालयों में स्मार्ट क्लास से पढ़ाई करने वाले बच्चों की तुलना में सरकारी विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले बच्चे समाज के नजर में पीछे माने जाते हैं पर ऐसा सही मायने में होता नहीं. सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चे भी काफी लगनशील और मेहनती होते हैं. सीमित संसाधनों में भी अपने आपको साबित कर देते हैं. कुछ ऐसा ही सारण जिले के सुदूर ग्रामीण क्षेत्र लहलादपुर प्रखंड के दंदासपुर गांव निवासी आशुतोष कुमार मिश्रा ने कर दिखाया है आशुतोष ने बिहार बोर्ड की मैट्रिक परीक्षा में सारण जिला ही नहीं बल्कि पूरे सारण प्रमंडल में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं और प्रमंडल में टॉप किया है.

बहुत ही गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाले आशुतोष के पिता जनता बाजार स्थित ढोढनाथ मंदिर में पुजारी का काम करते हैं दान और चढ़ावा से मिले पैसे और जजमानी के पैसों से अपना व अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं तो वही टॉपर की माँ कुशल गृहणी है. सूचना क्रांति के इस दौर में जब बच्चों को मोबाइल और अन्य तमाम चीजें पढ़ाई के लिए उपलब्ध कराने के लिए संपन्न अभिभावक जोर देते हैं तो वहीं दूसरी ओर इस जमाने में एंड्रोरॉयड फोन का इस्तेमाल ना करने वाला छात्र आज सारण प्रमंडल का टॉपर बना है.

आशुतोष ने बताया कि मेरी पढ़ाई घर पर ही हुई है और विद्यालय के शिक्षक महम्मद सैयद, प्रभु बैठा व प्रधानाध्यापक सहित सभी शिक्षकों ने का बहुत ज्यादा योगदान रहा है. श्री ढोढनाथ उच्च विद्यालय तक पैदल रोज आना जाना होता था. स्कूल में भी संसाधनों की बहुत ज्यादा कमी होने के बावजूद अपने लगन और मेहनत के बलबूते अपने आपको साबित किया है और अपने परिवार, दोस्तों व गांव वाले और शिक्षकों को गर्व महसूस करने का अवसर प्रदान किया है.

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