बेगूसराय : एएनएम के ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर घोटाला, सीएस और डीएम आमने सामने
पिंकल कुमार
बेगूसराय में एक बार फिर बड़े पैमाने पर एएनएम के ट्रांसफर पोस्टिंग में घोटाला सामने आया है. उक्त गड़बड़ झाले में बेगूसराय के डीएम तथा सिविल सर्जन आमने-सामने हैं. इस मामले में जहां डीएम राहुल कुमार अस्पताल प्रबंधन पर नियम कानून को ताक पर रखकर ट्रांसफर पोस्टिंग करने की बात कह रहे हैं. वहीं सीएस बृजनंदन शर्मा पूर्व में किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग की तर्ज पर ही इस बार भी ट्रांसफर पोस्टिंग की कार्रवाई की बात कर रहे हैं. आलम यह है कि अब डीएम राहुल कुमार ने स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को पत्र लिखकर इस बात से अवगत कराया है तथा कार्यवाही की मांग की है.
बिहार में घोटाले तो बहुत हुए लेकिन बेगूसराय में इस बार जो घोटाला जो सामने आया है. वह कहीं न कहीं लोगों को चौंकाने वाला है. दबी जुबान में लोग एएनएम की ट्रांसफर पोस्टिंग में बड़े पैमाने पर राशि के खेल की बात कर रहे है. वहीं सीएस बृजनंदन शर्मा इन सारे आरोपों से पल्ला झाड़ते हुए पूर्व में किए गए ट्रांसफर पोस्टिंग की तर्ज पर इस बार भी ट्रांसफर पोस्टिंग की बात कर रहे हैं. जब www.abhibharat.com की टीम ने उनसे सवाल किया कि क्या इस बार सारे नियमों के तहत बड़े पैमाने पर एएनएम का तबादला किया गया है. इस सवाल के जवाब में सिविल सर्जन बृजनंदन शर्मा ने उल्टे www.abhibharat.com से ही सवाल कर डाला और नियम कानून की बात करने लगे. इतना ही नहीं जब मीडियाकर्मियों ने उनसे पूछा कि एएनएम के ट्रांसफर में एक कमेटी का गठन किया जाता है जिसमें डीएम के द्वारा मनोनीत एक सदस्य तथा एक सदस्य एससी एसटी वर्ग के होते हैं. इस पर बृजनंदन शर्मा ने सीधे-सीधे शब्दों में कहा कि पूर्व की तर्ज पर इस बार भी एएनएम का ट्रांसफर किया है. अब इस मामले में जिनको जो जांच करनी है वह कर ले.
सिविल सर्जन की माने तो वर्ष 2019 में मात्र 35 एएनएम का तबादला किया गया है. वहीं बेगूसराय के डीएम राहुल कुमार ने भी माना कि अस्पताल प्रबंधन के द्वारा नियमों को ताक पर रखकर ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है. इसमें किसी भी तरह के नियमों का पालन नहीं किया गया यही वजह है कि कई लोगों के द्वारा डीएम राहुल कुमार को परिवार पत्र भी दिया गया है. जिसमें अस्पताल प्रबंधन पर नियमों की अनदेखी तथा पैसे के खेल का आरोप लगाया गया है. फिलहाल, डीएम राहुल कुमार ने स्वास्थ्य विभाग से स्पष्टीकरण की मांग की है तथा इस गड़बड़ झाले के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव को भी पत्र देकर अवगत कराया है. अस्पताल प्रबंधन के द्वारा इस बात को भी पूर्णतया स्पष्ट नहीं किया गया है कि कितनी संख्या में एएनएम का तबादला किया गया है.
बहरहाल, वजह चाहे जो भी हो लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि बनाने वाले सदर अस्पताल बेगूसराय में जिस तरह से नियमों को ताक पर रखकर काम किए जा रहे हैं. इससे इतना स्पष्ट प्रतीत होता है कि कहीं न कहीं दलालों एवं कर्मचारियों के द्वारा बड़े पैमाने पर राशि लेकर ट्रांसफर पोस्टिंग की प्रक्रिया को अंजाम दिया गया है. अब देखने वाली बात होगी कि स्वास्थ्य विभाग इस संबंध में क्या एक्शन लेती है.
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