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आरा : सर्पदंश से महिला की मौत, झाड़-फूंक के बाद सांप को लेकर अस्पताल पहुंचे परिजन

राजकुमार वर्मा

आरा सदर अस्पताल में आज एकबार फिर सर्पदंश की शिकार युवती के साथ पकड़े गए जहरीले जिंदा सांप को उसके परिजनों द्वारा अस्पताल लाने से अफरातफरी मच गई. मामला आरा सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में बुधवार सुबह का है जब उदवंतनगर के बेलाउर से सर्पदंश की शिकार युवती का इलाज कराने युवती के परिजन काटनेवाले जहरीले सांप को लेकर सदर अस्पताल पहुंच गए. इमरजेंसी में तैनात चिकित्सक ने युवती की जांच कर उसे मृत घोषित कर दिया लेकिन उस समय अजीबोगरीब स्थिति पैदा हो गई जब मृतका के परिजनों ने डिब्बे में बंद जहरीले करैत सांप को डॉक्टर के टेबल पर रख दिया और इलाज किये जाने की जिद्द करने लगे. विषैले सांप को देख ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर थोड़ी देर के लिए बदहवास हो गए और उन्होंने तत्काल मृतका के परिजनों को पकड़े गए सांप को बाहर ले जाने की बात कह डाली.

दरअसल, उदवंतनगर के रमेश सिंह की बेटी लक्ष्मिनी देवी को मंगलवार की देर रात घर मे जहरीले करैत सांप ने काट लिया.सांप के काटते ही लक्ष्मिनी की चीख सुन परिजन कमरे में पहुंचे और सांप को लक्ष्मिनी के हाथ मे लिपटा देखा.लक्ष्मिनी के परिजनों ने काफी कोशिश के बाद सांप को जिंदा पकड़ डिब्बे में बंद कर दिया. लक्ष्मिनी का इलाज रातभर उसके घरवालों ने अपने स्तर से करवाया फिर स्थिति बिगड़ती देख लक्ष्मिनी को अहले सुबह सदर अस्पताल लेते आए जहां चिकित्सक ने लक्ष्मिनी को मृत घोषित कर दिया. डॉक्टर की बात सुन मृतका के परिजनों ने उसके जिंदा होने की आस लिए तत्काल अपने पास रखे थैले से डिब्बे में बंद जहरीले सांप को डॉक्टर के सामने रख दिया और सांप को देख फिर से इलाज करने की जिद करने लगे. डॉक्टर ने सांप को देख तत्काल उसे वार्ड से बाहर ले जाने को कहा. इस बीच सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में थोड़ी देर के लिए अफरातफरी मच गई. अंधविश्वास से लबरेज आंखों में आंसू लिए मृतका के परिजन लक्ष्मिनी के शव को झांड़-फूंक के लिए किसी अमवा के सती मैया के पास ले जाने की बात कहते हुए सदर अस्पताल से लौट गए.

 

बता दे कि 15 दिनों पहले भी सर्पदंश के शिकार एक वृद्ध का इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंचे परिजनों ने पकड़े गए जिंदा सांप को इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी कर रहे डॉक्टर के सामने रख दिया था जिसके बाद मौके पर काफी देर तक अफरातफरी का माहौल कायम हो गया था.हालांकि इलाज के दौरान वृद्ध की जान डॉक्टरों ने समय रहते बचा ली थी.

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