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हजारीबाग : वन विभाग ने वन क्षेत्र बने अवैध मकानों को किया ध्वस्त, कई परिवार हुए घर से बेघर

अविनाश अंजन

हज़ारीबाग़ चौपारण प्रखंड के दैहर व झापा पंचायत के वन क्षेत्र में अवैध रुप से बने मिट्टी के मकानों को ध्वस्त करने के लिए विभाग द्धारा कार्रवाई की गई. जेसीबी मशीन लगाकर रविवार को कैरी पिपराही में आदित्य भुइंया व अन्य के मकान ध्वस्त कर दिया गया.

भीषण ठंड में घर से बेदखल होने पर आदित्य व उसके परिजनों को बेहद परेशानी होगी. उसके छोटे बच्चे टुटे हुये मकान को देख सिहर उठे. सभी गिडगिडाते रहे और विभाग के लोग मशीन चलाते रहे. अब ठंड में उसके परिजन कहां जायेंगे इसकी चिंता आदित्य को सता रहा है. वन विभाग की इस कार्रवाई से ग्रामीण काफी विचलित हो गये. ठंड में बेघर होने की डर मात्र से लोगों ने विभाग का विरोध करना शुरु कर दिया. विरोध के बीच भी कूछ मकान ढहा दिये गये. इधर पंचायत के सक्रिय लोगों ने गरीबों के पक्ष में विभाग के खिलाफ जमकर मोरचा खोल दिया. उपमुखिया प्रतिनिधि बबन सिंह ने स्पष्ट कहा कि ठंड को देखते हुये अधिकारीयों को थोडा रहम करना चाहिए. घर खाली कराने को नोटिस देना चाहिए था. अब ठंड में लोग कहां जायेंगे। इधर कई लोगों नेकहा कि वन क्षेत्र का सर्वाधिक दोहन विभाग के लोग ही करते हैं. लकडी, पत्थर, मोरम निकालने व जंगल में चल रहे शराब के अवैध कारखाना को चलाने के लिए वसुली होती है. वहीं गरीब के मकान को बिना सुचना के गिरा दिया जाता है.

बताया गया कि वन विभाग के प्रखंड कार्यालय के समीप व सटे ईलाकों में कई लाईन होटल बनाकर वन भुमि का अतिक्रमण किया गया है. विभाग इन होटलों के खिलाफ अभियान नहीं चलाता परंतु गरीबों को उजाडने में लगा रहता है. विभाग की ठंड में की गई इस कार्रवाई की घोर निंदा की जा रही है. क्षेत्र के समाजसेवी, प्रतिनिधि, बुद्धिजीवियों ने विभाग के खिलाफ वरीय अधिकारीयों को शिकायत करने का मन बनाया है.

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