सीवान : सदर अस्पताल में फिर बवाल, महिला डॉक्टर से अभद्रता, ओपीडी सेवाएं ठप, चिकित्सकों ने दी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी

सीवान || शनिवार को सीवान सदर अस्पताल एक बार फिर शर्मनाक घटना का गवाह बना, जब महिला ओपीडी में तैनात डॉक्टर अनिता सिंह के साथ एक मरीज के परिजन ने गाली-गलौज करते हुए जूते से मारने का प्रयास किया. घटना के बाद महिला ओपीडी समेत सामान्य ओपीडी की सेवाएं ठप कर दी गईं.
बताया जा रहा है कि युवक बाहर आने के बाद भी अस्पताल परिसर में अपशब्द बोलता रहा. सीसीटीवी फुटेज में यह भी सामने आया है कि उस वक्त चार सुरक्षा गार्ड मौके पर मौजूद थे, लेकिन किसी ने उसे रोकने की कोशिश नहीं की. उल्टे गार्ड्स उसे समझा-बुझाकर बाहर भेजते नजर आए. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, डॉ अनिता सिंह महिला ओपीडी में मरीजों को देख रही थीं. इसी दौरान एक युवक खुद को महिला मरीज का परिजन बताकर जबरन केबिन में घुस गया और डॉक्टर पर अल्ट्रासाउंड कराने का दबाव डालने लगा. डॉक्टर ने बताया कि मरीज दो माह की गर्भवती है और इस अवस्था में अल्ट्रासाउंड कराना कानूनन वर्जित है. यह सुनकर युवक भड़क गया और डॉक्टर के साथ गाली-गलौज करते हुए जूता निकालकर हमला करने का प्रयास किया, लेकिन मौके पर मौजूद लोगों ने बीच-बचाव कर उसे बाहर निकाला.
वहीं घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए डॉ अनिता सिंह ने कहा कि जब डॉक्टरों की सुरक्षा हीं नहीं होगी तो मरीजों का इलाज कैसे करें? जब तक उचित कार्रवाई नहीं होती, हम ओपीडी का कार्य बहिष्कार जारी रखेंगे. गौरतलब है कि गत 30 सितम्बर को भी सदर अस्पताल के आपातकालीन कक्ष में एक डॉक्टर से दरौंदा विधायक के निजी सहायक के परिजन ने मारपीट की थी. उस घटना के बाद डॉक्टरों ने काम का बहिष्कार किया था, तब जिला प्रशासन ने कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
उधर, सदर अस्पताल के अधीक्षक डॉ अनिल सिंह ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि महिला डॉक्टर के साथ अभद्रता बेहद निंदनीय है. उन्होंने बताया कि सुरक्षा गार्डों की लापरवाही स्पष्ट रूप से सामने आई है, जिस पर कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेज दी गई है. साथ हीं उन्होंने कहा कि पिछले मामलों में भी पुलिस कार्रवाई नहीं होने से चिकित्सक समुदाय में गहरा आक्रोश है. बहरहाल, इस घटना ने एक बार फिर अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था और पुलिस प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं. डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि ठोस कार्रवाई नहीं की गई, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जा सकते हैं. (ब्यूरो रिपोर्ट).