सीवान : बड़हरिया पुलिस का कारनामा, पूर्व से जेल में बंद दो युवकों और तीर्थ यात्रा पर गए युवक को बनाया महावीरी मेला जुलूस पत्थरबाजी कांड का आरोपी

सीवान || जिले में एकबार फिर से पुलिस का कारनामा सामने आया है, मामला बड़हरिया थाना क्षेत्र का है, जहां पिछले दिनों महावीरी मेला जुलूस के दौरान हुए उपद्रव मामले में पुलिस द्वारा दो ऐसे युवकों का नाम शामिल किया गया है जो पहले से जेल में बंद है. वहीं एक नाम ऐसा भी शामिल किया गया है जो घटना से एक दिन पहले हीं अपने परिवार के साथ रिजर्वेशन टिकट पर तीर्थ यात्रा करने राज्य से बाहर चल गया था. बड़हरिया पुलिस के इस कारनामे के सामने आने के बाद जहां पुलिस की भद्द पीट रही है वहीं बड़हरिया थानाध्यक्ष इसे सीसीटीवी फुटेज के साफ नहीं होने का बहाना बनाकर पुलिस की गलती छिपाने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि गत 4 सितंबर को बड़हरिया में महावीरी मेला जुलूस निकला था, जिस दौरान कुछ उपद्रवियों द्वारा जुलूस पत्थरबाजी की घटना को अंजाम दिया गया. घटना में बड़हरिया थानाध्यक्ष भी चोटिल हो गए. मामले में पुलिस द्वारा काण्ड संख्या 471/25 के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई. लेकिन, इस प्राथमिकी में चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है. दर्ज नामजद आरोपियों की सूची में कोइरीगांवा निवासी स्वर्गीय ओशिहर प्रसाद के दो पुत्र अजरदीप प्रसाद और अनालदीप प्रसाद का भी नाम शामिल किया गया है, जो घटना से पूर्व ही किसी अन्य मामले में जेल भेजे जा चुके हैं. वहीं एक ऐसा भी नाम सामने आया है जो 3 सितंबर यानी मेला के एक दिन पहले अपने परिवार के साथ रिजर्वेशन करा कर खाटू श्याम सहित अन्य तीर्थ स्थल पर गए हुए थे और घटना के बाद 8 सितंबर को वापस बड़हरिया अपने घर पहुंचे थे. इस खुलासे के बाद ग्रामीणों में चर्चा का विषय बना हुआ है. वहीं, परिजन ने आरोप लगाया है कि बिना जांच-पड़ताल के उनके बच्चों का नाम प्राथमिकी में जोड़ा गया है.
वहीं इस मामले में बड़हरिया थानाध्यक्ष रूपेश कुमार वर्मा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में धुंधलापन के कारण कुछ गलत नाम शामिल हो गया है. उन्होंने कहा कि वैसे लोगों के प्रूफ के साथ आवेदन देने के बाद जांच कर प्राथमिकी से नाम हटा दी जाएगा. फिलहाल, पुलिस मामले की तहकीकात में जुटी हुई है. (राकेश रंजन गिरी की रिपोर्ट).