मोतिहारी : विधायक मनोज कुमार यादव पर दर्ज मुकदमा वापस ले एनएचएआई, जिला राजद ने की एफआईआर की निंदा

मोतिहारी/पूर्वी चंपारण || एनएचएआई की ओर से पूर्वी चंपारण जिला राष्ट्रीय जनता दल के अध्यक्ष सह कल्याणपुर के विधायक मनोज कुमार यादव पर एफआईआर दर्ज कराने का मुद्दा अब गरमाने लगा है. अपने जिला अध्यक्ष सह विधायक पर सरकारी कार्य में बाधा डालने के कथित मामले में केस दर्ज होने के बाद राजद ने कड़ा एक्शन लिया है.
सोमवार को जिला राजद की ओर से एक प्रेस बयान जारी कर एनएचएआई द्वारा विधायक मनोज कुमार यादव पर मामला दर्ज कराए जाने की कड़ी निंदा की गई. प्रेस विज्ञप्ति में पार्टी की ओर से कहा गया है कि जनहित में कोटवा दीपउ एनएच 27 में केसरिया से अरेराज जानेवाली महत्वपूर्ण पथ को एनएचएआई द्वारा बंद करने की कोशिश की जा रही थी. स्थानीय लोगों द्वारा माननीय विधायक की सूचना दी गई, विधायक स्थल पर पहुंच कर तुरंत इस कार्य की रोकने के लिए उपस्थित अफसर से बात किए और जिला अधिकारी से इसके बारे में दूरभाष पर बात की और उन्हें याद दिलाया कि इस रोड पर पहले ही फ्लाई ओवर बनवाने के लिए दिशा की बैठक में लिख कर दिया था, जिसको उन्होंने संबंधित विभाग को अग्रसारित किया था.
दीपउ पंचायत मोड़ सड़क आसपास के सैकड़ों गांव से जुड़ा हुआ है जो कि एक महत्वपूर्ण सड़क है, जो केसरिया बौद्ध स्तूप और अरेराज के सोमेश्वर नाथ धाम को जोड़ता है. दीपउ में फ्लाई ओवर बनवाने की मांग कई वर्षों से स्थानीय लोगों द्वारा उठाई जाती रही है. यह कट दो मुख्य मार्ग (PWD और RWD) को जोड़ती है. जिस मार्ग में दीपउ कट के निकट सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कोटवा, कृषि भवन,कोटवा पशुपालन हॉस्पिटल एवं अंचल का कार्यालय, प्रखंड कार्यालय एवं महादलित सामुदायिक भवन अवस्थित है. इस मार्ग पर पटना साहेबगंज, केसरिया होते हुए अरेराज की ओर प्रतिदिन कई एक सौ बस, गाड़ियां गुजरती है. पहले से बना फ्लाई ओवर हाइट भी छोटा है जिससे बड़ी वाहन को निकलना संभव नहीं है. ऐसे जनहित के मुद्दों पर कदम उठाने वाले स्थानीय विधायक सह जिला अध्यक्ष मनोज कुमार यादव पर प्रशासन द्वारा मुकदमा किए जाने की राष्ट्रीय जनता दल पूर्वी चंपारण जिला कमिटी घोर निंदा एवं भर्त्सना करती है और प्रशासन से मांग करती है कि इस कट पर एनएचएआई द्वारा जल्द ही फ्लाई ओवर बनाई जाए तथा हमारी पार्टी के जिलाध्यक्ष सह विधायक पर मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए. राजद ने कहा है कि अगर मुकदमा वापस नहीं लिया गया तो हम आंदोलन पर उतारु होंगे. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).