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मुजफ्फरपुर : स्नेह ऐसा कि सांसें भी थमी एक साथ, रिटायर्ड एडीएम देवव्रत प्रसाद और उनकी पत्नी चंद्रलेखा श्रीवास्तव का एक साथ हुआ देवलोकगमन

मुजफ्फरपुर || आज के दौर में जब पारिवारिक रिश्तों की बुनियाद कमजोर हो रही है. ऐसे में हमारे समाज में कुछ रिश्ते ऐसे भी रहे हैं, जो एक बड़ा संदेश दे जाते हैं. सेवानिवृत एडीएम देवव्रत प्रसाद और उनकी पत्नी चंद्रलेखा श्रीवास्तव का दाम्पत्य स्नेह समाज के लिए मिसाल रहा है. इस दंपति का स्नेह ऐसा रहा कि इनकी सांसें भी साथ साथ थमी.

देवव्रत साह मुजफ्फरपुर के गोबरसही के श्रीनगर कॉलोनी में एडीएम पद से सेवानिवृति के बाद रह रहे थे. कुछ दिनों से पति पत्नी बीमार चल रहे थे. विगत दिवस रात्रि में पति पत्नी सोने गए. अलसुबह जब उनके पुत्र धर्मवत श्रीवास्तव उन्हें देखने गए तो दोनों लोग एक साथ चीर निद्रा में सो चुके थे. दोनों की आर्थियां एक साथ निकली और सिकंदरपुर स्थित मुक्तिधाम पर परिवारजन ने उनका अंतिम संस्कार एक साथ ही कर दिया. सेवानिवृत एडीएम के दामाद और बेटी सीवान में रहते हैं. उनके दामाद मनोज कुमार वर्मा स्टेट बैंक के सेवानिवृत अधिकारी और वरिष्ठ साहित्यकार है.

बता दें कि देवव्रत साह सीवान जिले में भू-अर्जन पदाधिकारी रह चुके हैं. उनके दामाद मनोज कुमार वर्मा ने बताया कि सीवान में बिताया गया उनका कार्यकाल आज भी स्थानीय लोगों को याद है. उनके व्यवहारकुशल और संवेदनशील व्यवहार की याद आंखों में आंसू ला दे रहा है. उनकी पत्नी चंद्रलेखा श्रीवास्तव तो संवेदना और सहृदयता की प्रतिमूर्ति थीं, उनका स्नेह जिंदगी के लिए अविस्मरणीय अनुभव है। दोनों एक दूसरे से बेहद स्नेह रखते थे. उनका एक दूसरे के प्रति आदर भाव भी बहुत था और श्रीहरि की लीला देखिए कि दोनों की सांसें भी साथ साथ थमी. श्री हरि उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दें. (एसके ओझा की रिपोर्ट).

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