Abhi Bharat

कैमूर : अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह के 18 सदस्य गिरफ्तार, ऑनलाइन लोन देने का ऐड डालकर लोगों से करते थे ठगी

कैमूर/भभुआ || जिले से बड़ी खबर है, जहां साइबर पुलिस को साइबर अपराधियों के विरुद्ध बड़ी सफलता मिली है. अंतर्राज्यीय साइबर गिरोह के 18 अपराधियों को साइबर थाना की पुलिस ने गिरफ्तार किया है तथा उनके पास से सात एटीएम, 41 विभिन्न कंपनियों के मोबाईल, 34 सिम एवं धोखाधड़ी कर बरामद रुपए का आंकड़ा रखने वाला पांच रजिस्टर बरामद किया है. गिरोह बंगलुरू राज्य के लोगो को लोन देने के नाम पर ठगी करता था, जो कैमूर जिला के मोहनिया में अपना में कॉल सेंटर चला रहा था.

सोमवार को कैमूर एसपी ललित मोहन शर्मा ने इसका खुलासा करते हुए बताया कि 3 नवंबर को साइबर पुलिस भभुआ द्वारा साइबर पुलिस पोर्टल का अवलोकन किया जा रहा था. तब ज्ञात हुआ कि कुछ मोबाइल नंबरों के द्वारा कर्नाटक एवं अन्य राज्यों में लोन देने के नाम पर साइबर धोखाघड़ी किया जा रहा है, जिसका कंप्लेन कर्नाटक राज्य से साइबर पोर्टल पर दर्ज करवाया गया है. जहां भभुआ साइबर पुलिस को तकनीकी जांच एवं विश्लेषण से अपराध कर्मियों का कैमूर के मोहनिया में रहने की बात पता चली. इसके बाद साइबर थाना द्वारा त्वरित कार्रवाई करते हुए अपनी गठित टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंच गया, जहां फोन पर बात कर रहे कुछ लोग पुलिस को देखकर भागने का प्रयास करने लगे. सभी को पुलिस द्वारा घेराबंदी कर गिरफ्तार किया गया. इसके बाद उनसे पूछताछ के क्रम में पता चला कि वह लोग कन्नड़ भाषा में बात कर ठगी का काम करते हैं.

इसके बाद पुलिस द्वारा साइबर अपराध कारित करने के आरोप में सभी 18 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. जिसमें 17 पुरुष एवं एक महिला है, उनसे पूछताछ करने पर पता चला कि 15 अपराधी कर्नाटक के रहने वाले हैं एवं तीन अपराधी बिहार के हीं रहने वाले हैं. आगे पूछताछ करने पर पता चला कि इस गैंग के दो मास्टरमाइंड हैं, जिसमें एक कर्नाटक ग्रुप का मुखिया वेंकटेश है जो कर्नाटक एवं साउथ राज्यों में लोगों को साइबर धोखाधड़ी करने के लिए बिहार लाता है. इन लोगों के द्वारा ऑनलाइन लोन के लिए एड डालकर साइबर धोखाघड़ी की जाती है. वहीं दूसरा बिहार का मुखिया है, कौशल कुमार जो नालंदा जिला का रहने वाला है. यह अभी फरार चल रहा है, जिसकी गिरफ्तारी को लेकर पुलिस आगे कार्रवाई में जुटी है. वहीं सभी गिरफ्तार अभियुक्तों को न्यायिक हिरासत में भेजा जा रहा है. इनके पास से घटनास्थल से 41 विभिन्न कंपनियों का मोबाइल, 34 सिम, सात एटीएम एवं धोखाधड़ी कर रुपए का आंकड़ा रखा जाने वाला पांच रजिस्टर बरामद किया गया है. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.