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सीवान : बड़हरिया की युसरा फातमा युवा कवयित्री वर्ल्ड रिकॉर्ड 2024 से हुई सम्मानित

सीवान || जिले के बड़हरिया प्रखंड के तेतहली गांव निवासी पिता शकील अहमद एवं माता अर्शिया फातमा की पुत्री युसरा फातमा ने एक अद्वितीय उपलब्धि हासिल की है, जो उसकी प्रतिभा और लगन को दर्शाती है, युसरा फातमा ने अपनी प्रतिभा और लगन की बदौलत ब्रावो इंटरनेशनल बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कारा लिया है, उन्होंने 15 वर्ष की आयु तक अधिकतम कविता व पुस्तकें लिखने का रिकॉर्ड बनाया है.

बता दें कि युसरा फातमा ने महज 12 वर्ष से भी कम की आयु में अपनी पहली कविता पुस्तक ‘जज्बा’ को जुलाई 2019 में प्रकाशित किया था. इसके बाद, उन्होंने ‘मेरे हिस्से की कोशिश’, ‘शाम और तनहाई’, और ‘बेरुखी’ नामक चार कविता पुस्तकें लिखीं. उनकी चौथी पुस्तक ‘बेरुखी’ को अप्रैल 2023 में प्रकाशित किया गया. जब उसकी आयु महज 15 वर्ष 6 माह थी. युसरा की कविताएं विशेष कर सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित हैं, जिनमें महिला सशक्तिकरण की बातें विशेष रूप से उठाई गई हैं. उनकी कविताओं में नारी अधिकारों की लड़ाई, शिक्षा की महत्ता और समाज में बदलाव लाने की जरूरत पर प्रकाश डाला गया है.

यह उपलब्धि न केवल युसरा के लिए गर्व की बात है, बल्कि यह एक युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा है. पिछले वर्ष उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुआ था. युसरा की इस उपलब्धि पर उनके परिवार, मित्र, और शिक्षकों ने उन्हें बधाई दी है. यह उसकी मेहनत और प्रतिभा का परिणाम है, जो उसे आगे और भी सफलता की ओर ले जाएगी. बहरहाल, अपनी इस उपलब्धि के साथ, युसरा फातमा ने साबित कर दिया है कि उम्र कोई मायने नहीं रखता, प्रतिभा और लगन से कुछ भी हासिल किया जा सकता है. (राकेश रंजन गिरी की रिपोर्ट).

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